मीनू भटनागर बेवफा है, फ्रेंडशिप करने से पहले 100 बार सोच लेना, वर्ना बहुत पछताओगे

भोपाल, मध्य प्रदेश. फेसबुक पर फेक आईडी के जरिये लोगों को ठगने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सतर्कता ही समझदारी है। इस तस्वीर को देखकर आपको क्या लगता है? यह एक फेक आईडी है। जिसे एक महिला और उसके पति ने मिलकर बनाया था। ये बंटी-बबली युवकों को फांसकर कभी नौकरी, तो कभी शादी का झांसा देकर ठग रहे थे। हालांकि भोपाल क्राइम ब्रांच ने इन्हें धरदबोचा। आरोपी महिला का नाम मीनू भटनागर है। उसने किसी मॉडल की तस्वीरों को लेकर अपनी फेक आईडी बनाई थी। महिला के पति का नाम देवेंद्र है। आरोपी कभी खुद को महाराष्ट्र में क्राइम ब्रांच का डीएसपी बताता, तो कभी कोई दूसरा अधिकारी। बंटी-बबली ने रायसेन जिले के बेगमगंज निवासी रामपाल से 18 लाख रुपए ठगे थे। मीनू ने खुद को हाईकोर्ट का जज बताकर शादी का झांसा दिया था। पीड़ित अपने भाई की नौकरी को लेकर परेशान था। मीनू ने उसकी कुंडली में मंगल दोष बताया। फिर कहा कि वो जज है, तो हाईकोर्ट में नौकरी लगवा सकती है। इसके बाद किस्तों में ठग दम्पती ने उसे पैसे हड़प लिए। आगे पढ़ें इसी घटना के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2020 4:53 AM IST

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मीनू भटनागर बेवफा है, फ्रेंडशिप करने से पहले 100 बार सोच लेना, वर्ना बहुत पछताओगे

आरोपी महिला सोशल मीडिया पर मॉडल का फोटो लगाकर युवकों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती थी। फिर उसे मीठी-मीठी बातें करके दिल जीत लेती थी। इस ठगी की मास्टरमाइंड महिला ही मानी जा रही है। पति उसकी मदद करता था। ASP क्राइम गोपाल धाकड़ ने बताया कि अभी एक ही मामला सामने आया है। लेकिन लगता है कि इन्होंने कइयों को ठगा होगा। आगे पढ़ें सोशल मीडिया के जरिये क्राइम सीखने वाले कुछ लोगों के किस्से...

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राजकोट/ पुणे.  इस तस्वीर में बीच में बैठे दो दोस्त और ये भाई-बहन सोशल मीडिया या यूट्यूब पर वीडियो देखकर ऐसे बिगड़े कि सलाखों के पीछे जाना पड़ा। पहले जानते हैं दो दोस्तों की कहानी। यह मामला राजकोट का है। पुलिस ने राजेश आंकोलिया को तमंचे के साथ पकड़ा था। उसने यह तमंचा अपने दोस्त नवीन दादोरिया से खरीदा था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वो लोहे के कारखाने में हथियार बना रहा था। हथियार बनाना उसने सोशल मीडिया पर वायरल किसी वीडियो को देखकर सीखा था। जबकि ये भाई-बहन कुछ महीने पहले पुणे से पकड़े गए थे। ये नकली नोट छाप रहे थे। इन्होंने यूट्यूब से यह गोरखधंधा सीखा था। आगे पढ़ें पहले गुजरात की कहानी...

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राजकोट की कहानी

नवीन के पास से पुलिस को एक डायरी मिली। इसमें उसने लिखा था कि वो एक खोज करने जा रहा है। अगर सफल रहा, तो सारी तकलीफें दूर हो जाएंगी। मालूम चला कि यह खोज लोहे के कारखाने में तमंचा बनाने की थी। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में...

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राजकोट पुलिस ने नवीन के लोहे के कारखाने में छापा मारकर देसी तमंचे बरामद किए। आगे पढ़िए...बंद कमरे में यूट्यूब देखा करते थे बहन-भाई, जीजा को जब पता चला..तो पैरों तले से जमीन खिसक गई

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पुणे, महाराष्ट्र. यह है सुनीता राय और उसका भाई प्रदीप। दोनों को पिंपरी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था। इन बहन-भाई ने सोशल मीडिया पर कोई वीडियो देखा। रातों-रात अमीर बनने का ख्वाब लेकर ये यूट्यूब के जरिये नकली नोट छापने की ट्रेनिंग लेने लगे। फिर कुछ नोट छापे भी। यह और बात रही कि एक सब्जी विक्रेता को नकली नोट थमाने के बाद इनकी पोल खुल गई। बहन-भाई बंद कमरे में नकली नोट छापने का वीडियो देखा करते थे। महिला दो बच्चों की मां है। उसके पति को भी यह अब पता चला कि उसकी पत्नी बंद कमरे में क्या करती थी। यह मामला पिछले महीने सामने आया था। आगे पढ़िए... रात को साथियों के साथ मिलकर नकली नोट छापती थी यह महिला...

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फेक करेंसी का यह मामला जुलाई में हरियाणा में सिरसा जिले के डबवाली कस्बे में सामने आया था। पुलिस के अनुसार पंजाब के मुक्तसर का रहने वाला आरोपी रविंदर सिंह उर्फ बब्बी और गगनदीप सिंह कलर प्रिंटर लेकर चौहान नगर मोहल्ला स्थित रेखा रानी पत्नी तरुन कुमार के घर पहुंचे थे। इन्होंने वीडियो के जरिये नकली नोट बनाना सीखा था। यह और बात है कि इससे पहले कि वो लंबा हाथ मारते, पुलिस ने दबोच लिया।

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