दरअसल, यह दुखद घटना राजधानी भोपाल के नोकिया परिवार के साथ घटी। जहां घर के मुखिया वीरेंद्र नेकिया सरकारी अव्यवस्था के चलते अपनी जिंदगी हार गया। यह फैमिली दिल्ली के मयूर विहार रहती थी, जहां कुछ दिन पहले वीरेंद्र को बुखार आया था। जब घरवाले उसको एक सरकारी अस्पताल गए। जहां डॉक्टरों के लापरवाह रवैये अपनाया। उसको चार फीट दूर से डॉक्टरों ने देखा और सामान्य बुखार की दवाई देकर वापस भेज दिया। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार ने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं भी उसका ठीक से इलाज नहीं किया। आखिर में दुखी होकर पीड़ित अपने बेटे के कहने पर इलाज कराने के लिए शनिवार को भोपाल आ गया। अगले ही दिन रविवार को उसकी मौत हो गई।