मौत नहीं चाहती थी कि बहू Work From Home करे, बेंगलुरु पिलर हादसे को लेकर सास ने बताया एक चौंकाने वाला संयोग

बेंगलुरु(Bengaluru). शहर में कंस्ट्रक्शन मेट्रो के पिलर के टूटकर गिर जाने से उसके नीचे दबकर मरे मां-बेटे के मामले में चौंकाने वाला संयोग सामने आया है। मंगलवार(10 जनवरी) को मेट्रो रेल की साइट पर स्टील रॉड गिर गया था। इसके नीचे दबकर तेजस्विनी (28) और ढाई साल के पोते विहान की मौत हो गई थी। तेजस्वनी के पति लोहित कुमार और बेटी घायल हैं। इस मामले को लेकर तेजस्विनी की सास ने एक दु:खद संयोग का जिक्र किया है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

Amitabh Budholiya | Published : Jan 12, 2023 2:34 AM IST / Updated: Jan 12 2023, 08:06 AM IST

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मौत नहीं चाहती थी कि बहू Work From Home करे, बेंगलुरु पिलर हादसे को लेकर सास ने बताया एक चौंकाने वाला संयोग

मौत भी ढूंढ़ती है बहाना, पढ़िए क्या बोलीं तेजस्विनी की सास: indianexpress की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना की खबर मिलने पर अपनी सुधबुध खो चुकीं तेजस्विनी की सास निर्मला सोलेक ने रोते हुए कहा-“मैंने उसे (तेजस्विनी) वर्क फ्रॉ होम करने के लिए कहा था, लेकिन मेरी बहू नहीं मानी। हमें तब नहीं पता था कि यह हमें इतना महंगा पड़ेगा। प्ले होम से जुड़ने के 10 दिनों के अंदर मेरा पोता नहीं रहा। हमारा जीवन तबाह हो गया है। अगर मैंने दृढ़ता से जोर दिया होता, तो वे जीवित होते।"

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अकसर घर से काम करती थी: तेजस्विनी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी, जो या तो घर से काम करती थी या सुबह 9.30 बजे से पहले अपने कार्यालय चली जाती थी। घटना वाले दिन मंगलवार(10 जनवरी) सुबह 10 बजे अपने पति लोहित और अपने जुड़वा बच्चों के साथ होंडा ग्लैमर बाइक पर घर से निकली थी। आधे घंटे के भीतर, नागवारा स्टेशन पर एक निर्माणाधीन मेट्रो पिलर हेन्नूर मुख्य सड़क के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके नीचे दबकर तेजस्विनी और विहान की मौत हो गई। लोहित और उनकी बेटी चमत्कारिक ढंग से बाल-बाल बच गए।

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बाइक पर पीछे विहान को लेकर बैठी थी तेजस्वनी: डिप्टी पुलिस कमिश्नर (पूर्व) भीमाशंकर एस गुलेड के अनुसार, घटना सुबह करीब साढ़े दस बजे हुई। तेजस्विनी और विहान बाइक की पिछली सीट पर बैठे थे। लोहित और उसकी बेटी चमत्कारित रूप से बच गए। घटना के तुरंत बाद तेजस्विनी और विहान को सड़क के दूसरी ओर स्थित अल्टियस अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि वहां डॉक्टरों ने घोषित किया कि उन्हें मृत लाया गया था।” 

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गुलेड ने कहा कि लोहित ने मामले में शिकायत दर्ज कराई है। स्थानीय पुलिस ने साइट इंजीनियरों, बीएमआरसीएल अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ 304-ए (लापरवाही से मौत का कारण) और 337 (जीवन को खतरे में डालने या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा से आहत) सहित कई आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
 

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अब IISc की स्पेशलिस्ट टीम करेगी जांच: बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के मैनेजिंग डायरेक्टर अंजुम परवेज ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा कि भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की एक विशेषज्ञ टीम को स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करने के लिए कहा जाएगा।

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नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड यह कार्य कर रही है। अंजुम परवेज ने कहा-हमारे इंजीनियर के अनुसार, सभी सुरक्षा उपाय किए गए थे, लेकिन अब हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या मैनुअल या तकनीकी लापरवाही थी? आईआईएससी की टीम इसका पता लगाएगी और उसके अनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी। हम कुछ दिनों के लिए इस खंड पर मेट्रो का काम बंद कर देंगे और आवश्यक कदम उठाने के बाद काम फिर से शुरू करेंगे।” 

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अंजुम परवेज ने मृतक के परिवार को बीएमआरसीएल से 20 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराजबोम्मई ने मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रत्येक मौत के लिए 10 लाख रुपये के अलग मुआवजे की भी घोषणा की।

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बाद में दिन में बीएमआरसीएल ने एक बयान में कहा कि ठेकेदार और संबंधित इंजीनियरों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसने यह भी कहा कि आईआईएससी टीम के अलावा एक आंतरिक तकनीकी टीम मामले की जांच करेगी।

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