कोरोना के बारे में 27 साल पहले ही बता दिया गया था...ऐसे 10 वायरल मैसेज, जिनका सच जानना जरूरी है

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस से 83 लोग संक्रमित हैं। अच्छी खबर यह है कि 10 लोग ठीक हो चुके हैं। लेकिन बचाव अभी भी जरूरी है। खतरा टला नहीं है। मंत्रालय से लेकर राज्य सरकारें कोरोना से बचने के लिए कई गाइड लाइन जारी कर रहे हैं। लेकिन इस बीच कई फेक खबरें भी वायरल हो रही हैं। ऐसे में हम 10 ऐसी फेक खबरें बताते हैं, जो कोरोना वायरस से जुड़ी हुई हैं और बेहद भ्रामक हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 14, 2020 11:02 AM IST

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कोरोना के बारे में 27 साल पहले ही बता दिया गया था...ऐसे 10 वायरल मैसेज, जिनका सच जानना जरूरी है
भारत सहित दुनिया में कोरोना: एक नजर में- भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा केरल में संक्रमण फैला है। यहां सबसे ज्यादा 22 मरीज मिले हैं। दिल्ली में कोरोना वायरस के 6 मामले, हरियाणा में 17, केरल में 22, राजस्थान में 3 मामले, तेलंगाना में एक मामला, उत्तर प्रदेश में 11 मामले, लद्दाख में 3 मामले, तमिलनाडु में एक मामला, जम्मू-कश्मीर में 2 मामले, पंजाब में एक मामला, कर्नाटक में 7 मामले, आंध्र प्रदेश में एक मामला और महाराष्ट्र में 17 मामले सामने आए हैं। दुनिया की बात करें तो चीन में सबसे ज्यादा 80824 मामले सामने आए हैं, जिसमें 3189 लोगों की मौत हुई है। वहीं इटली में 17,660 मामले सामने आए हैं, जिसमें 1266 मौत हुई। ईरान में 11,364 मामले सामने आए, जिसमें 514 लोगों की मौत हुई। अमेरिका में 2291 मामले सामने आए, जिसमें से 50 लोगों की मौत हुई।
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कोरोना वायरस को लेकर कई फेक मैसेज वायरल हो रहे हैं, उनमें से एक यह है। हालांकि एएफपी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कोरोना वायरस से प्रभावित सांवले लोगों के आसानी से सफल इलाज की बात झूठी है। अफ्रीका में कोरोना वायरस के मामलों की जांच करने वाले प्रोफेसर एमेड्यू अल्फा ने बताया कि इसका कोई सबूत नहीं मिला है।
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अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं मिला है। डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट कर बताया है कि लहसुन से कोरोना वायरस के इलाज का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं।
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दरअसल यह दावा कार्टून प्रोग्राम द सिम्पसन्स के एक फोटो के आधार पर किया जा रहा है। अंग्रेजी वेबसाइट स्नोप्स के अनुसार, फोटो 1993 में आए सीजन-4 के एपिसोड-21 का है। इसमें ओसाका फ्लू का जिक्र था न कि कोरोना वायरस का।
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सोशल मीडिया पर यह भी खबर वायरल हो रही है कि शराब पीने से कोरोना का असर नहीं होगा। लेकिन यह बात झूठ है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना से बचने की एक गाइड लाइन जारी की थी। उसने लिखा था कि अल्कोहल बेस्ड हैंडवॉश का इस्तेममाल किया जाना चाहिए। इसे लोगों ने यह बताकर वायरल किया कि अल्कोहल पीने से कोरोना का असर नहीं होगा। एक्सपर्ट का मानना है कि अल्कोहल पीने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इससे कोरोना का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
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कोरोना का सबसे ज्यादा असर चीन में है। इस दौरान यह खबर वायरल हुई कि चीन में कोरोना से बचने के लिए लोग इस्लाम धर्म अपना रहे हैं, जबकि यह बात पूरी तरह से झूठ है। कोरोना वायरस का किसी धर्म से कोई संबंध नहीं है।
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यह खबर पूरी तरह से झूठ है। इलाज के नाम पर अफवाह उड़ाई गई है। भारत क्या दुनिया में अभी तक किसी ने भी कोरोना वायरस का इलाज नहीं ढूंढा है।
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चीन में कोरोना वायरस को लेकर किया जा रहा यह दावा फर्जी है। चीन में कोरोना वायरस को रोकने के लिए सड़क बंद नहीं किया गया है।
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यह झूठ है। भारत सरकार ने ऐसी कोई भी एडवाइजरी जारी नहीं की है।
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दरअसल चीन से ही कोरोना की शुरुआत हुई। इसी दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था। पुराने वीडियों को कोरोना से जोड़कर प्रचारित किया गया। वीडियो यिवु शहर का निकला,जहां पागल कुत्ते को मारने के लिए कार्रवाई की गई थी।
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यह दावा गलत है। 2 फरवरी 2020 को थाइलैंड की पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री ने प्रेस कॉफ्रेंस की थी। उसने जानकारी दी कि मरीज को दवा देने के 48 घंटे में उसकी हालत में सुधार देखने को मिला था, लेकिन ठीक होने की बात झूठ है।
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