कोरोना के डर से लोगों ने शुरू की जमाखोरी, नहीं मान रहे प्रधानमंत्री की बात, मॉल और दुकानों में लगी लंबी लाइनें


नई दिल्ली. कोरोना वायरस के डर से भारत में भी लोगों ने जमाखोरी शुरू कर दी है। इससे पहले विदेशों में ऐसा मामला सामने आ चुका हैं, जहां लोगों ने मास्क से लेकर दवाईयां और टॉयलेट पेपर की जमाखोरी की थी और पूरे अमेरिका में टॉयलेट पेपर की कमी हो गई थी। इसके बाद गुरुवार को जम भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के प्रति संबोधन किया, तब इससे पहले ही पूरे देश में बंद की अफवाह फैल गई और लोगों ने जमाखोरी शुरू कर दी। सभी जगह मॉल और बाजार में लंबी लाइनें लगाकर लोगों ने लंबे समय के लिए अपने घर में जरूरी सामान खरीदकर रख लिया। अभी भी देश में कई जगहों पर यह क्रम जारी है। देश के सभी नेता और सरकार लोगों से जमाखोरी नहीं करने की अपील कर रही है। प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में अपील की थी कि लोग जमाखोरी ना करें और सभी जरूरी चीजों की आपूर्ति का आस्वाशन दिया था। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 20, 2020 1:44 PM IST

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कोरोना के डर से लोगों ने शुरू की जमाखोरी, नहीं मान रहे प्रधानमंत्री की बात, मॉल और दुकानों में लगी लंबी लाइनें
देश भर में गुरुवार को सुबह से ही लोगों ने सामान खरीदना शुरू कर दिया था।
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बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि गुरुवार रात आठ बजे प्रधानमंत्री राष्ट के नाम संबोधन करेंगे।
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प्रधानमंत्री के राष्ट्र के प्रति संबोधन की बात सामने आने के बाद ही यह अफवाह फैल गई थी कि पूरे देश में बंद का एलान हो सकता है।
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प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले ही उनसे जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी थी कि वो अपने संबोधन में बंद का एलान नहीं करेंगे।
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इसके बावजूद लोगों ने सरकार और नेताओं की एक नहीं सुनी और मॉल में जरूरी सामान खरीदने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
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सब्जियों से लेकर आटा और दाल जैसे सभी सामान लोगों ने इकट्ठे करने शुरू कर दिए।
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दिल्ली में भी लोगों ने सभी सामान खरीदकर खुद को घर के अंदर कैद करने का फैसला किया।
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हालांकि सरकार ने अभी भी जरूरी सामान वाली दुकानों को खोलने की अनुमति दी है और जरूरी सामान लेने के लिए कभी भी लोग घर से बाहर निकल सकते हैं।
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उम्रदराज लोगों से लेकर युवाओं ने भी अफवाह के चक्कर में पड़कर बेवजह मॉल में खरीददारी की।
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लोगों की यह जमाखोरी बाजार में जरूरी सामान की कमी कर सकती है और सामान के दाम मंहगे हो सकते हैं।
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हालात सामान्य रहने पर मंहगे दामों में सामान खरीदने वाले लोगों को नुकसान हो सकता है।
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सरकार ने 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को घर में रहने की सलाह दी है, पर सामान खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकले।
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इससे पहले विदेशों में भी ऐसे हालात बन चुके हैं, जहां लोगों की नासमझी ने देश में बड़ी समस्या खड़ी कर दी थी।
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कोरोना से बचने के लिए और इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए सभी को देश के साथ खड़े रहने की जरूरत है।
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सरकार की एडवाइजरी का पालन करके हम बेहतर तरीके से कोरोना से लड़ सकते हैं।
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सरकार के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करके हम अपने साथ साथ दूसरों की जान को भी बचा सकते हैं।
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सिर्फ एक व्यक्ति की लापरवाही कोरोना के खिलाफ किए गए सभी इंतजामों को व्यर्थ कर सकती है।
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कोरोना के मामले में हमें घबराने की बजाय सतर्क रहने की जरूरत है। हम सरकार की बात मानकर ही इस वायरस से लड़ सकते हैं।
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दुकानों में दिख रही यह भीड़ चिंता का विषय है। हमें घबराने की बजाय धैर्य और सतर्कता दिखाने की जरूरत है।
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कोरोना के कारण लोगों ने पूरी तरह घूमना फिरना बंद कर दिया है। नदी किनारे जहां आमतौर पर खासी भीड़ लगी रहती थी, वहां पूरा इलाका खाली पड़ा है।
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