इंग्लिश नहीं आने पर मिलती थी सजा: एक इंटरव्यू के मुताबिक, पढ़ाई को लेकर उनके घर में हमेशा गंभीर माहौल रहा है। वह जयपुर में घर के पास एक सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते थे, लेकिन मां चाहती थी कि वे इंग्लिश मीडियम स्कूल से तालीम हासिल करें। इसके बाद उनका एडमिशन मां ने दूसरे कॉन्वेंट स्कूल में करवा दिया था। इमरान इंग्लिश में बात नहीं कर पाते थे। इसके लिए स्कूल में उनको सजा मिलती थी।