दरअसल, 23 अप्रैल को गर्भवती महिला शाहिना बानो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके चलते उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल जयपुर में भर्ती किया था। फिर एक हफ्ते बाद जब उसकी दोबारा जांच की गई तो रिपोर्ट दो बार निगेटिव आई। इसके बाद उसे जनाना वार्ड में शिफ्ट कर दिया। जहां 29 अप्रैल को उसने एक बच्चे को जन्म दिया। सुरक्षा के चलते डॉक्टरों ने नवजात को मां से तीन तक दूर रखा। कल जब महिला ने अपने बेटे को पहली बार देखा तो वह उसे देखते ही फूट-फूटकर रोने लगी और उसके अपने सीने से लगा लिया। करीब पांच मिनट तक उसने बच्चे को गले से लगाए रखा। नम आंखों से बोली-सचमुच डॉक्टर खुदा के रूप हैं, अगर वह नहीं होते तो पता नहीं मेरे बच्चे का क्या होता। मैं इस पल को बयां नहीं कर सकती हूं, मेरे बेटे को देखकर। कुछ कहने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं हैं।