Published : Sep 16, 2019, 02:51 PM ISTUpdated : Sep 16, 2019, 02:54 PM IST
कोटा. राजस्थान में जारी भारी बारिश की वजह से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के सभी नदी नाले और बांध खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं। कोटा में चंबल नदी की वजह से पानी पहाड़ी पर बने मकानों की तरफ भी बढ़ रहा है। आलम यह है कि पूरे शहर में सड़क से लेकर दुकान तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। चंबल नदी की वजह से यहां बाढ़ के हालत बन गए है। इसी दौरान एक कॉलोनी में दो मसूम बच्चे पानी में फंस गए। वहां मौजूद पुलिस कांस्टेबल राकेश मीणा ने उन मासूमों को 7 से 8 गहरे पानी में डूबता देखा तो वह बिना सोचे समझे ट्यूब के लेकर पानी में कूद पड़े। पुलिकर्मी ने दोनों को सुरक्षित निकाल लिया है। मीणा के इस साहसी कदम की हर शख्स तारीफ कर रहा है। लोगों का कहना है कि अगर जरा सी भी देरी हो जाती तो बच्चों की जान भी जा सकती थी।
राजस्थान पूरी तरह से लोगों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। आलम यह है कि कोटा शहर और आसपास के कई गांवों में पानी घुस गया है। इलाके हाल जानने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हेलिकॉप्टर से कोटा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे भी किया। राजस्थान में इस साल पिछली साल के मताबिक करीब 40 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। प्रदेश में बारिश का यह सिलसिला पिछले दो महीनों से लगातार जारी है। यहां के सभी डैम ओवरफ्लो चल रहे हैं।
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राजस्थान में जारी मसूलाधार की वजह से राज्य पांच 5 बड़े बांध कोटा बैराज, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर और माही बजाज के सभी गेट खोलने पड़े हैं। जिसकी वजह से कोटा, चित्तौड़गढ, बांरा, बूंदी, और झालावाड़ में बाढ़ आ गई है। इन जगहों के लोग बुरी तरह इससे प्रभावित हैं। उनको घरों में पानी भर गया है, रहने के लिए छत तक नहीं बचे यहां तक कि उनका राशान का सारा समान भी खराब हो गया।
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इस भीषण बारिश की वजह से राज्य में करीब 100 करोड़ का नुकसान बताया जा रहा है। कई लोगों के घर पूरी तरह से बेकार हो चुके हैं। जबकि कई की पानी में डूबने से मौत भी हो गई। अब हालत इतने बिगड़ चुके हैं कि मोर्चा संभालने के लिए सेना को बुलाना पड़ा है। वहीं कई दिनों से एनडीआरएफ की टीमे राहत व बचाव कार्य में लगी हैं।
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चित्तौड़गढ़ में हालत ऐसे बन गए हैं कि करीब 400 स्कूली बच्चे और 50 टीचर पिछले दो दिन से स्कूल में अटके हुए हैं। वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। शानिवार को हुई बारिश की वजह से प्रशासन ने राणाप्रताप सागर बांध के 17 गेट खोल दिए थे। जिसकी के कारण हालात बिगड़ गए और रावतभाटा और भैंसरोडगढ़ को जोड़ने वाली पुलिया पर पानी भर गया। इसी तरह बच्चों के घर जाने का रास्ता भी बंद हो गया।
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