पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स करके लौटी 'विषकन्या' और अपने मां-बाप, भाई-बहन सबको डस गई

जोधपुर, राजस्थान. कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है कि वो एक-दो नहीं, अपने परिवार के 11 लोगों को जहर का इंजेक्शन देकर मार डाले? लेकिन जोधपुर जिले के देचू क्षेत्र के एक गांव में 11 पाकिस्तानी शरणार्थियों की मौत से पर्दा उठ गया है। इस मामले में परिवार की बेटी 25 वर्षीय प्रिया का नाम सामने आया है। सभी मृतकों के हाथ पर जहर का इंजेक्शन दिया गया था। घटनास्थल पर प्रिया भी मरी मिली थी, लेकिन उसके पांव में इंजेक्शन का निशान पाया गया था। चूंकि प्रिया पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स करके घर लौटी थी, इसलिए शक उसी पर गया। इस हत्याकांड में प्रिया के अलावा उसकी दो अन्य बहनों लक्ष्मी, सुमन, पिता बुधाराम, मां अंतरी कुमारी, भाई रवि और उसके पांच भतीजे-भतीजियां मारे गए थे। उसका एक भाई केवलराम खेत पर होने से बच गया था। इस हत्याकांड के पीछे जादू-टोना, गरीबी और प्रेम-प्रसंग माना जा रहा है, लेकिन पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। पढ़िए पूरी कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2020 4:30 AM IST / Updated: Aug 11 2020, 10:11 AM IST

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पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स करके लौटी 'विषकन्या' और अपने मां-बाप, भाई-बहन सबको डस गई

9 अगस्त की सुबह खेतों में काम करने वाले पाकिस्तानी शरणार्थियों के 11 सदस्यों की जहर का इंजेक्शन देकर मौत के घाट उतारने का मामला सामने आया था।

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इस हत्याकांड में प्रिया का भाई केवलराम जिंदा बच गया। घटना के वक्त केवलराम खेतों की रखवाली करने गया था। जब वो खेत पर जा रहा था, तब परिवार के सभी सदस्य घटिया पर बैठकर गपशप कर रहे थे।
 

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हालांकि पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या के रूप में भी जांच रही है। माना जा रहा है कि परिवार गरीबी से परेशान था। वहीं, केवलराम की पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का केस भी दर्ज करा रखा था। इसे लेकर परिजनों को 24 अगस्त का कोर्ट के सामने पेश होना था।

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पुलिस को घटनास्थल से एक कथित सुसाइड नोट भी मिला था। यह सुसाइड नोट प्रिया की बहन लक्ष्मी ने लिखा था। इसमें उसने कुछ लोगों के साथ पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।

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बुधाराम का परिवार 2015 में पाकिस्तान से पलायन करके अपने समधियों सहित भारत आकर बस गया था। यहां वो जोधपुर के लथूरा गांव में आकर खेतों पर काम करने लगा था। वहीं, समधियों का परिवार अंगनवा गांव में रहने लगा था।

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बुधाराम के परिवार में कुछ ठीक नहीं था। उसके दोनों बेटों की पत्नियां 3 साल से मायके में थीं। वहीं, लक्ष्मी भी मायके में ही रहती थी।

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माना जा रहा है कि 8 अगस्त की रात सबने खाना खाया। केलवराम खेत पर निकल गया। इस बीच खाने में नींद की गोलियां मिला दी गई थीं। जब सब गहरी नींद में थे, तो प्रिया ने सबको जहर का इंजेक्शन दे दिया। बाद में खुद के पैर में भी इंजेक्शन लगा लिया।

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