भारी बारिश से 2400 साल पुरानी ममी में हुई हलचल, 20 वर्षीय युवती की ये ममी मिस्त्र के प्राचीन नगर में मिली थी

जयपुर, राजस्थान. जयपुर में 14 अगस्त को हुई रिकॉर्ड बारिश के बाद एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां के अल्बर्ट हॉल में रखी 2400 साल पुरानी ममी को डूबने से बचाने हॉल के कर्मचारी उसे कंधे पर उठाकर बाहर की ओर दौड़ पड़े। बता दें कि यह ममी मिस्त्र के प्राचीन नगर पैनोपोलिस में मिली थी। इसे 137 साल पहले भारत लाकर अल्बर्ट हॉल के म्यूजियम में बेसमेंट में सुरक्षित रखा गया था। भारी बारिश के चलते बेसमेंट में 4 फीट पानी भर चुका था। धीरे-धीरे पानी ममी ओर बढ़ रहा था। अगर चंद मिनट की भी देरी हो जाती..तो यह ममी बाढ़ में डूब जाती। यानी एक इतिहास पानी में डूब जाता। इसे यहां लाने के बाद पहली बार शोकेस से निकाला गया। यह भी अपने आप में एक चौंकाने वाली घटना है। जब कर्मचारी इस ममी को कंधे पर उठाकर हॉल से बाहर निकल रहे थे, तब वे कमर-कमर तक पानी में डूबे हुए थे। यह दृश्य हॉलीवुड की फिल्म 'द ममी रिटर्न्स' जैसा डरावना मंजर पैदा कर रखा था। जानिए इस घटना और ममी से जुड़ीं कुछ अन्य बातें...

Asianet News Hindi | Published : Aug 18, 2020 4:48 AM IST / Updated: Aug 18 2020, 10:28 AM IST

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भारी बारिश से 2400 साल पुरानी ममी में हुई हलचल, 20 वर्षीय युवती की ये ममी मिस्त्र के प्राचीन नगर में मिली थी

ममी को बाढ़ से बचाने कर्मचारियों को शोकेस का कांच तोड़ना पड़ा। उल्लेखनीय है कि जयपुर में अकेले 14 अगस्त को 7.36 इंच बारिश हुई थी। म्यूजिक के बेसमेंट में पानी 4 फीट तक भर गया था। यह ममी 4 फीट से थोड़े-से ज्यादा ऊंचे शोकेस में रखी हुई थी। यानी जरा-सी भी देर होती..तो ममी खराब हो जाती।

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अल्बर्ट हॉल के डायरेक्टर डॉ. राकेश छोलक ने कहा कि अगर ममी तक पानी पहुंच जाता, तो इस नुकसान की भरपाई जिंदगी में कभी नहीं हो पाती।
 

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अल्बर्ट हॉल में रखी यह ममी तूतू नामक महिला की है। माना जाता है कि यह खेम देव की उपासना करने वाले पुरोहितों के परिवार से ताल्लुक रखती थी। मिस्त्र के पैनोपोलिस के अखमीन से मिलने के बाद पहले से कैरो म्यूजियम में रखा गया था। वहां से ममी को जयपुर लाया गया।

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इस ममी को ब्रिटिश सरकार अपने साथ भारत लाई थी। इस ममी को देखने सैकड़ों की संख्या में लोग म्यूजियम आते हैं। जयपुर के अलावा देश के 6 शहरों के म्यूजियम में भी ममी रखी हुई हैं। इनमें कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद और वडोदरा शामिल हैं। भारत में मौजूद ममियों का चेकअप करने अकसर इजिप्ट से जानकारों की टीम भारत आती है। माना जाता है कि तूतू भारत में लाई गई पहली ममी है।

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माना जाता है कि तूतू नामक इस युवती की ममी 1883 भारत लाई गई थी। हालांकि कुछ इसका समय 1887 मानते हैं। माना जाता है कि यह पहली ममी है, जो भारत लाई गई। जब इस युवती की मौत हुई, तब यह 20 वर्ष की रही होगी। इसकी लंबाई 162 सेंटीमीटर है।

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उल्लेखनीय है कि हॉलीवुड में ममी पर 'द ममी रिटर्न्स' से फिल्मों की एक लोकप्रिय सीरीज बन चुकी है। बेशक अब ममी नहीं बनाई जातीं, लेकिन मिस्त्र में आज भी ममी सुरक्षित रखी गई हैं। 19वीं शताब्दी में ममी की खरीद-फरोख्त का धंधा भी शुरू हुआ था। अमीर लोग ममी से जुड़े रहस्यों को जानने इन पर दांव लगाने लगे थे। हालांकि अब ऐसा नहीं है। सिर्फ वैज्ञानिक और पुरात्वविद ही इन पर रिसर्च करते हैं।

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