ये है साइको रेपिस्ट जीवाणु,महिलाओं से ज्यादा लड़कों, किन्नरों और पुरुषों को बनाता था हवस का शिकार

जयपुर (Rajasthan,) । साइको रेपिस्ट सिकंदर खान उर्फ जीवाणु को दो दिन पहले जयपुर मेट्रो पोक्सो कोर्ट-3 ने उम्र कैद की सजा सुना दी है। यह सजा शास्त्री नगर इलाके में आठ साल की बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में सुनाई गई है। बताते हैं कि वह महिलाओं की तुलना में कम उम्र के लड़कों का यौन शोषण करता था। अब तक 25 से ज्यादा नाबालिग बालकों को अपने शिकार बनाया। इतना ही नहीं, 40 पुरुषों और किन्नरों के साथ भी अप्राकृतिक यौन शोषण कर चुका है। लेकिन, उसके खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड में सिर्फ 12 केस दर्ज हैं। जिनमें वह 6 बार जेल जा चुका है। आइये जानते हैं इस साइको रेपिस्ट सिकंदर खान उर्फ जीवाणु की कहानी।

Asianet News Hindi | Published : Nov 29, 2020 1:04 PM IST
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ये है साइको रेपिस्ट जीवाणु,महिलाओं से ज्यादा लड़कों, किन्नरों और पुरुषों को बनाता था हवस का शिकार

सिकंदर खान उर्फ जीवाणु को साल 2001 में चोरी की पहली वारदात करने पर पुलिस ने पकड़ा था। इसके बाद उसने नकबजनी की दो अन्य वारदातों को अंजाम दिया। लेकिन, बाद में जमानत पर बाहर आ गया था। 

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साल  2011 में मुरलीपुरा से एक बच्चे को ब्रेड दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया और कुकर्म के बाद उसकी हत्या कर शव को पानी की टंकी में डाल दिया था। इस मामले में उसे उम्रकैद की सजा हुई, लेकिन वह 2015 में जेल से जमानत पर बाहर आ गया था।
 

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जेल से बाहर आने के बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। उसके बाद उसने भट्टा बस्ती इलाके में दो बच्चियों से छेड़छाड़ की थी। तब लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था, लेकिन वह पुलिसकर्मियों पर ही जानलेवा हमला कर भाग निकला था।

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जीवाणु ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह शास्त्री नगर में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करना चाहता था। कोटा में फरारी के दौरान अपने परिचित को बताया कि दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या नहीं करना उसकी सबसे बड़ी भूल रह गई।

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अचानक 22 जून को व 1 जुलाई 2019 को भट्‌टा बस्ती इलाके में दो मासूम बच्चियों का अपहरण कर दुष्कर्म करने की वारदातों के बाद जीवाणु चर्चाओं में आया। सीसीटीवी फुटेज और मुरलीपुरा थाने में दर्ज उसके आपराधिक रिकॉर्ड से पहचान हुई। जिसे कोटा से पकड़ा गया।

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महज 23 दिन में जांच पूरी कर कोर्ट में चालान पेश किया। साथ ही कोर्ट में 36 गवाहों के बयान करवाए।मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया। अभियोजन साक्ष्य छह मार्च 2020 तक पूर्ण हो गए। तब महज एक साल में जीवाणु को दो दिन पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

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