बेबसीः कोरोना ने छीनी पिता की जिंदगी, बेटों ने पुराने कपड़ों का शव बनाकर किया अंतिम संस्कार

डूंगरपुर (राजस्थान). पूरी दुनिया में कोरोना वायरस इस कदर कहर बरपा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद उनके परिवार वाले ना तो उनका अंतिम बार चेहरा देख पा रहे हैं और ना ही दाह संस्कार कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक झकझोर देने वाला मामला राजस्थान में सामने आया है। जब डूगंरपुर जिले के रहने वाले एक बिजनेसमैन की विदेश में कोरोना के संक्रमण के चलते मौत हो गई। ऐसे में जब शव नहीं आया पाया तो घरवालों ने मृतक के पुरानों कपड़ों का शव बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2020 8:03 AM IST / Updated: Apr 30 2020, 06:39 PM IST
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बेबसीः कोरोना ने छीनी पिता की जिंदगी, बेटों ने पुराने कपड़ों का शव बनाकर किया अंतिम संस्कार

दरअसल, मार्मिक घटना की यह तस्वीर डूंगरपुर जिले की सीमलवाड़ा कस्बे की है। यहां के रहवासी होटल व्यवसायी दिलीप कलाल (56) की कुवैत में पिछले दिनों संक्रमण से मौत हो गई थी। बता दें कि मृतक की पत्नी बेटे-बहु और अन्य परिजन डूगरपुर में ही रहते हैं। वह मृतक का अंतिम संस्कार करना चाहते थे, ऐसे में गांव के बुजुर्गों ने उनको इस तरह से क्रिया-क्रम करने का सुझाव दिया। ताकि मरने वाले को अपनी जन्मभूमि की मिट्टी मिल जाए और उसकी राख को पवित्र नदी में विसर्जित किया जा सके।
 

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मृतक व्यवसायी दिलीप कलाल यह तस्वीर कुवैत की है। जहां उनकी संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। कुवैत के मेडिकल विभाग ने शव को इस तरह दफना दिया था।

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यह तस्वीर झारखंड की है। जब गरीब लोगों का घर का राशन खत्म हो गया तो वह अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर एक मैदान में बैठ गए। वहीं वह अपने इन मासूमों को दूध की जगह चावल का पका हुआ पानी पिला रहीं हैं।

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कोरोना के कहर की बीच यह तस्वीर भोपाल शहर की है। जहां लॉकडाउन के चलते जब सैलून की दुकानें बंद हैं तो निवर्तमान पार्षद एवं भाजपा नेता रामा वैष्णव ने घर पर अपने बेटे सौरभ के बाल काटे। 
 

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यह तस्वीर रास्थान धौलपुर की है। जब बुधवार के दिन मजदूरों को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया।

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