करौली, राजस्थान. यह तस्वीर राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था की असलियत दिखाती है। मंदिर पर कब्जा करने से रोकने पर कुछ लोगों ने इस पुजारी को बुधवार को पेट्रोल डालकर जला दिया था। इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई थी। पहले प्रशासन इसे सुसाइड की कोशिश का मामला बताती रही। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा, तो पुलिस सक्रिय हुई और एक आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाकी आरोपी अभी गिरफ्त से दूर हैं। मामला जिले के सपोटरा इलाके का है। मरने से पहले पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने घटना के बारे में बताया था। उसका जयपुर के SMS अस्पताल में इलाज चल रहा था। मामले ने जब राजनीति तूल पकड़ा, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। इस बीच शनिवार सुबह स्थानीय सांसद किरोड़ीमल मीणा और पूर्व विधायक मानसिंह गांव पहुंचे। उन्होंने पुजारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सभी जातियों के पंच-सरपंचों से बात की। परिजन 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ धरने पर बैठ गए। वे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने पर भी अड़े रहे।