मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और कलेक्टर को बता चुके हैं आपबीती
प्रताड़ना की जानकारी हमने हमारे गारंटर सुनील को बताई तो उन्होंने भी चुप रहने की हिदायत दी। अपहरण के प्रयास हुए, दूसरे लोग भी इस गैंग का ही साथ दे रहे थे। मंडोर पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस ने भी हमें ही डांटा। कहते, यहां लड़ने आए हो। यहां से भागकर ट्यूबवेल पर रहने लगे। वहां भी उनके लोग पहुंच गए। हद पार परेशान करने लगे। पुलिस को शिकायत दी, आईजी को बताया। सहायता मांगी। सुरक्षा मांगी। इस पर कोई सहायता नहीं मिली। महिला थाने में हमारे खिलाफ मुकदमा करवा दिया गया। पुलिस को पूरी बात बताई, सबूत दिए, लेकिन नहीं सुना और मुझे पाबंद कर दिया। इसके बाद भाभी से रिश्ता तोड़ दिया। फिर भी इन लोगों ने पीछा नहीं छोड़ा। मंडोर थाने में मैंने रिपोर्ट दी, उस पर भी कार्रवाई नहीं की। इसमें भी मुझे ही पाबंद कर दिया। पाबंद नहीं हुई तो पुलिस परेशान करने लगी। डिप्टी साहब तक ने धमकाया, चुप रहो नहीं तो वापस पाकिस्तान भेज देंगे। धमकियां सहन करती रही। बाद में एसपी, कलेक्टर को आपबीती बताई। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री तक ज्ञापन भेजे।