कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा की आंखों के तो आंसू ही सूख गए, बह बस एक टक देखती रहती हैं। बह बोलने की कोशिश करती हैं, लेकिन जबान से कुछ निकलता ही नहीं है। उन्होंने भरी हुई आवाज में कहा उन्होंने कभी ना तो मुझे डांटा और ना ही अपने बच्चों को फटकार लगाई। वह अपने दो बेटों में से एक को डॉक्टर और दूसरे बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे। अब उनका ये सपना कौन पूरा करेगा। दरिंदों ने मेरे परिवार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है।