चमोली हादसा- 13 दिन में मिले 61 शव और 28 मानव अंग,मलबा दिख रहा चट्‌टान

चमोली (Uttarakhand)। ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब को 13 दिन हो गए हैं। इस दौरान 61 लोगों के शव और 28 मानव अंगों को मलबे से निकाला जा चुका है। 143 लोग अभी भी लापता हैं। ये लोग सैलाब में बहकर कहां गए होंगे, किसी को नहीं पता। ये न जिंदा ढूंढे जा सके हैं और न किसी की लाश मिली है। इनके परिजनों की उम्मीद भी अब टूटने लगी है। बता दें कि आपदा इतनी भयावह थी कि अब तक चमोली के कई हिस्सों में मलबा दिख रहा है, जो,चट्‌टान की तरह हो गया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 19, 2021 7:19 AM IST

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चमोली हादसा- 13 दिन में मिले 61 शव और 28 मानव अंग,मलबा दिख रहा चट्‌टान

14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का टूटकर गिरा था ग्लेशियर
बता दें कि 7 फरवरी यानी रविवार की सुबह करीब 10 बजे समुद्र तल से करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ग्लेशियर टूटकर गिर गया था। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बन गई।
 

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206 लोग हुए थे लापता
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा में 206 लोग लापता हुए थे। जिनमें अब तक 61 लोगों के शव और 28 मानव अंगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। लेकिन शव क्षत-विक्षत होने से उनकी शिनाख्त के लिए DNA जांच की मदद ली जाएगी। 
 

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इस कारण संभालकर चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
अधिकारियों ने बताया है कि तपोवन टनल में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के होने की आशंका है। कीचड़ और दलदल होने के चलते रेस्क्यू में दिक्कतें आ रहीं हैं। लोगों के शव खराब न हों इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन संभालकर चलाया जा रहा है। 

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नदी में लगाया गया वॉटर सेंसर
एसडीआरएफ ने रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी में वॉटर सेंसर लगा दिया है। नदी में जलस्तर बढ़ने से पहले ही ये अलार्म बजने लगेगा। इसका अलार्म एक किलोमीटर की दूरी तक लोग सुन सकेंगे और समय रहते सुरक्षित स्थानों तक पहुंच जाएंगे।

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शव खोजने के लिए डॉग स्क्वॉड, दूरबीन और राफ्ट का इस्तेमाल
ग्लेशियर टूटने के बाद धौलीगंगा और ऋषिगंगा में आई बाढ़ से  NTPC की टनल में इतना मलबा भर गया कि उसे निकालने में काफी वक्त लग रहा है। मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए NDRF और SDRF की टीमें डॉग स्क्वॉड, दूरबीन, राफ्ट और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहीं हैं।

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अब टनल में फंसे किसी के जिंदा होने की नहीं है उम्मीद
उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने दो दिन पहले ही कहा था कि रेस्क्यू जारी है, लेकिन हादसे के बाद अब टनल में कोई जिंदा बचा होगा, ऐसी उम्मीद अब नजर नहीं आती। यानी अब रेस्क्यू 3-4 दिन और चलाया जा सकता है।

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