ट्रेन के स्लीपर कोच होंगे हाईटेक, प्लेन की तरह होगा टॉयलेट सिस्टम..देख लीजिए और क्या-क्या होगा खास

नई दिल्ली । इंडियन रेलवे यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान दे रहा है। इस समय आधुनिक स्लीपर टाइप तेजस ट्रेनों के माध्यम से नए युग की शुरुआत कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे की योजना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में प्रोडक्शन यूनिट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई और मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) रायबरेली में ऐसे 500 तेजस टाइप स्लीपर कोच बनाए जाएं। शुरूआत में इन कोचों को प्रीमियम और महत्वपूर्ण ट्रेनों में लगाए जाएंगे। बाद में ये कोच धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क में लंबी दूरी की प्रमुख ट्रेनों में लगा दिए जाएंगे। ऐसे में हम आपको इन स्लीपर कोच की विशेषता के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं, जिसे कम ही लोग जानते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 15, 2021 11:15 AM IST

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ट्रेन के स्लीपर कोच होंगे हाईटेक, प्लेन की तरह होगा टॉयलेट सिस्टम..देख लीजिए और क्या-क्या होगा खास

बेहतरीन आंतरिक बनावट
यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा कराने के लिए पीयू फोम से बना सीट और बर्थ बनाया गया है। बाहरी और आंतरिक, दोनों ही जगहों पर बुनावट वाली पीवीसी फिल्म लगाई गई है। इसके साथ ही खिड़कियों पर रोलर ब्लाइंड लगाए गए हैं। इस तरह के रोलर अभी तक सिर्फ एयर कंडीशंड क्लास में ही लगाए जाते थे। पर्दे की जगह लगने वाले रोलर ब्लाइंड साफ-सफाई को आसान बनाते हैं।
 

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दरवाजा बंद होने तक नहीं चलेगी ट्रेन
तेजस एक्सप्रेस के स्लीपर डिब्बे के सभी प्रमुख प्रवेश द्वार पर ऑटोमेटिक प्लग डोर लगाए गए हैं। इन प्लग डोर का कंट्रोल ट्रेन के गार्ड के पास होगा। इन डिब्बों से लैस ट्रेन में ऐसी व्यवस्था होगी कि सभी दरवाजों के बंद होने तक ट्रेन नहीं चलेगी।

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प्लेन की तरह वैक्यूम टॉयलेट सिस्टम
शौचालयों में बायो-वैक्यूम टॉयलेट सिस्टम लगाया गया है। इससे फ्लशिंग और बेहतर तरीके का होने के साथ साथ पानी का भी कम इस्तेमाल होगा। अब यदि टैंक में पानी कम हो रहा है या खत्म हो रहा है तो बाहर से ही पता चल जाएगा।

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सीट पर बैठे-बैठे पता चल जाएगी ये जानकारी 
आमतौर पर स्लीपर कोच के शौचालय नहीं होते हैं। इसलिए इसमें कुछ हाई टेक गेजेट लगाए गए हैं। यात्री को अनी सीट से ही पता चल जाएगा कि शौचालय का कोई इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है। इसके लिए सूचना देने वाला सेंसर लगा दिया गया है। जल उपलब्धता की सूचना देने के लिए वाटर लेबल सेंसर भी लगाया गया है। टॉयलेट के अंदर टच-लेस फिटिंग, एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग (लेखन या चित्रकारी से सुरक्षा) के साथ संगमरमर से निर्मित, जैल युक्त शेल्फ, नई डिजाइन की डस्टबिन, कुंडी छूने से चालू होने वाली लाइट, उपयोग की सूचना देने वाला डिस्प्ले दिया गया है।
 

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चार्जिंग प्वाइंट और रीडिंग लाइट की सुविधा
रेलवे ने एलईडी रीडिंग लाइट के रूप में इसका समाधान ढूंढा है। इस स्लीपर कोच के सभी बर्थ पर मोबाइल चार्जिंग पॉइंट तो लगा ही दिया गया है, सभी बर्थ पर रीडिंग लाइट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

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24 घंटे सीसीटीवी की रहेगी नजर
इन एडवांस्ड स्लीपर कोच में 24 घंटे सीसीटीवी की सुविधा होगी। यही नहीं, इसमें ऐसे कैमरे लगाए गए हैं जो कि अंधेरे में भी देख सके। इसमें नेटवर्क वीडियो रिकार्डर लगाया गया है। मतलब कि डिब्बे में क्या गतिविधि चल रही है, इस पर नजर ट्रेन के गार्ड और अन्य अधिकारियों की भी होगी।
 

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