लॉकडाउन में बदल गया गंगा के पानी का रंग, कोरोना काल में वापस आईं 7 प्रजाति की मछलियां

वाराणसी ( Uttar Pradesh) । लॉकडाउन के कारण गंगा नदी के पानी का रंग पूरी तरह से बदल गया है। यही नहीं, वाराणसी में सात प्रजाति की मछलियां देंखीं गईं हैं, जो गंगा नदी से गायब हो गईं थीं। इनमें करौंछी, भाकुरी, सिंघा, बैकरा, घेघरा, नयन और रीठ प्रजाति की मछलियां शामिल हैं। बता दें कि ऐसा इसलिए हुआ कि लॉकडाउन के दौरान फैक्टियां बंद होने से केमिकल जहां गंगा में नहीं गिरा। वहीं, साड़ियों के रंगाई से जुड़े केमिकल भी गंगा से दूर रहे। इससे इस दौरान गंगा में घुलनशील आक्सीजन की मात्रा बढ़ गई है। यही वजह रहा कि गंगा के रंग में भी 50 साल बाद इतना सुधार दिखा है।

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 5:47 AM IST / Updated: May 23 2020, 11:24 AM IST

15
लॉकडाउन में बदल गया गंगा के पानी का रंग, कोरोना काल में वापस आईं 7 प्रजाति की मछलियां


लॉकडाउन के दौरान फैक्टियां बंद होने से केमिकल जहां गंगा में नहीं गिरा। वहीं, साड़ियों के रंगाई से जुड़े केमिकल भी गंगा से दूर रहे। इसी का नतीजा है कि सात प्रजातियां एक बार फिर देखी जा रही हैं। इनमें करौंछी, भाकुरी, सिंघा, बैकरा, घेघरा, नयन और रीठ प्रजाति की मछलियां शामिल हैं।

25


क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉ. कालिका सिंह के मुताबिक ये बेहद चौंकाने जैसा है कि मछलियों की वो सात प्रजातियां जो किसी जमाने में काशी की गंगा में दिखाई देती थीं। लेकिन, प्रदूषण के कारण दिखना बंद हो गई, वो फिर से लौट आई हैं।
 

35

सभी मछलियों की अपनी अपनी खासियतें हैं। नाविकों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में कभी कभी बरसात के दिनों में रोहू, कतला दिख भी जाती थीं। लेकिन, झींगा, भाकुरी, सिंघा तो देखे जमाना हो गया था।

45


हर मछली की अपनी विशेषता है। हिल्सा की खासियत है कि जिस ओर नदी की धारा होती है, वो उसके उल्टे तैरती है। वहीं, झींगा हमेशा साफ पानी में ही दिखती है।

55

खास बात यह है कि बड़ी मछलियों के साथ छोटी मछलियां भी दिख रही हैं। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि मछलियों के लिए इस वक्त पानी अनूकूल है और प्रजनन के जरिए वो यहां अपना परिवार बढ़ा रही हैं।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos