इस देश के लिए काल बना मस्जिद, 12 सौ लोगों को नमाज पढ़ने के दौरान हुआ कोरोना

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। हर जगह इससे बचाव के लिए लोग भीड़भाड़ से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण लोगों के संपर्क में आने से ज्यादा बढ़ता है। वहीं, दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां लोग अंधविश्वास की वजह से सामूहिक प्रार्थना के कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इन देशों में मलेशिया भी है, जहां मस्जिदों में दुआ करने के लिए जुटी भारी भीड़ के कारण कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। शनिवार को मलेशिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ कर 1,183 हो गए और 8 मौतें भी हुई हैं। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि शनिवार को कोरोना के 153 नए मामले सामने आए और 5 मौतें हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि इनमें 90 मामले पिछले महीने एक मस्जिद में हुए आयोजित किए गए कार्यक्रम में आई भीड़ में शामिल लोगों से जुड़े हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह धार्मिक कार्यक्रम तब्लीग मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के पास हुआ था, जिसमें कई देशों के मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल हुए थे। बताया जाता है कि इस धार्मिक आयोजन में 16,000 लोग आए थे, जिनमें 14,500 मलेशिया के थे। बाकी रोहिंग्या शरणार्थी मुसलमान और विदेशों से आए लोग थे। मलेशिया में कोरोना के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें से 714 यानी करीब 60 प्रतिशत इसी धार्मिक आयोजन से जुड़े बताए जा रहे हैं। मलेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया के उन देशों में शामिल है, जहां कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, वहीं इससे अब तक 38 लोगों की मौत हुई है। तस्वीरों में देखें मलेशिया में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद कैसे हालात बन गए हैं।   

Manoj Jha | Published : Mar 22, 2020 10:18 AM IST / Updated: Mar 22 2020, 04:11 PM IST

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इस देश के लिए काल बना मस्जिद, 12 सौ लोगों को नमाज पढ़ने के दौरान हुआ कोरोना
मस्जिद में तब्लीग के आयोजन में 15 हजार से भी ज्यादा लोगों के जुटने के बाद मलेशिय में कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी तेजी आई। इसके बाद अब लोगों के मस्जिद में जुटने पर रोक लगा दी गई है।
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अब कोरोना वायरस को लेकर लोग काफी सावधानी बरत रहे हैं। सभी लोग मास्क पहन रहे हैं और कहीं भी ज्यादा लोग एक जगह नहीं जुट सकते।
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मलेशिया के एक अस्पताल की लेबोरेट्री में कोरोना वायरस की जांच करने के लिए मुस्तैद मेडिकल स्टाफ।
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कोरोना वायरस से इतने ज्यादा लोगों के संक्रमित होने और मौतें होने से अब काफी सावधानी बरती जा रही है। हर जगह सुरक्षा जांच की व्यवस्था की गई है।
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मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर की एक सड़क पर गुजरते लोग। अब वहां के एक मार्केट से गुजरते लोग। पहले यहां काफी भीड़भाड़ होती थी। अभी भी लोग कोरोना को लेकर ज्यादा जागरूक नहीं दिखते। कम ही लोगों ने मास्क पहन रखे हैं।
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मलेशिया में मुस्लिम धर्मवालंबी ज्यादा संख्या में हैं। वे मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए फिर से कहीं न जुटने लगें, इसलिए सरकार ने वहां सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए हैं और सेना के जवानों को मुस्तैद कर दिया है।
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इन जगहों पर पहले लोगों की काफी भीड़ हुआ करती थी। लेकिन अब इक्का-दु्क्का लोग नजर आते हैं। उनमें भी खास तौर पर वे जो कर्मचारी हैं।
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मलेशिया के अस्पतालों में डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टाफ इस तरह के पोस्टर दिखा कर लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कह रहे हैं।
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मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के एक सूने बाजार से गुजरते दो लोग दिख रहे हैं। कोरोना वायरस के फैलने के पहले यहां तिल रखने की जगह भी नहीं होती थी।
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कोरोना वायरस के फैलने से स्थिति अनियंत्रित न हो जाए, इसलिए सरकार ने सेना को मुस्तैद कर दिया है। हर जगह सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है।
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