जस्टिस सज्जाद अली शाह ने दुआ के पिता से कहा-"हम समझते हैं कि आप कैसा महसूस करते हैं, लड़की ने अपनी मर्जी से शादी की है, उसके भी अधिकार हैं।" सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में दुआ के पैरेंट से पूछा गया कि क्या वे अपनी बेटी से मिले हैं? इस काज़मी ने जवाब दिया कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में 15 से 20 मिनट के लिए अपनी बेटी से मिलने की अनुमति दी गई थी।