लोग लॉकडाउन में काम-धंधा बंद होने से परेशान हैं और यहां एक किसान ने आत्मनिर्भर होकर कमा लिए लाखों रुपए

कहते हैं कि जहां चाह-वहां राह। काम कोई भी हो, अगर हम उसे पूरी ईमानदारी और जोश-जुनून के साथ करें, तो सफलता मिलना तय है। खेती-किसानी को लेकर लोग मानते हैं कि इसमें नफा कम है, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसे हजारों किसान है, जो तरीके से खेती-किसानी करके लाखों रुपए कमा रहे हैं। यह किसान भी उनमें एक है। पिछले दिनों मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' पर जोर दिया है। यह किसान उसका एक सशक्त उदाहरण है। यह किसान अपने 4 एकड़ के खेत में परंपरागत तरीके से किस्म-किस्म की सब्जियां, फल-फूल और अन्य चीजें उगाता है। इस किसान को किसी की नौकरी करने की जरूरत नहीं है। यह आत्मनिर्भर होकर अच्छा-खासा कमा रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 1, 2020 12:39 PM IST / Updated: Jun 01 2020, 08:00 PM IST

सिरसा, हरियाणा. जरूरी नहीं कि खेती-किसानी के लिए बहुत बड़ी जमीन हो। 4-5 एकड़ खेत भी आपकी जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं। कहते हैं कि जहां चाह-वहां राह। काम कोई भी हो, अगर हम उसे पूरी ईमानदारी और जोश-जुनून के साथ करें, तो सफलता मिलना तय है। खेती-किसानी को लेकर लोग मानते हैं कि इसमें नफा कम है, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसे हजारों किसान है, जो तरीके से खेती-किसानी करके लाखों रुपए कमा रहे हैं। यह किसान भी उनमें एक है। पिछले दिनों मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' पर जोर दिया है। यह किसान उसका एक सशक्त उदाहरण है। यह हैं गांव नाथूसरी कलां के किसान ईश्वर सिंह कड़वासरा। ईश्वर सिंह सिर्फ छठवीं तक पढ़े हैं। लेकिन आत्मनिर्भरता के चलते ये नौकरीपेशा लोगों से कहीं बेहतर जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं।

8 साल पहले शुरू की थी खेती-किसानी..
ईश्वर सिंह बताते हैं कि उनके पास सिर्फ 4 एकड़ जमीन है। उन्होंने 8 साल पहले दो एकड़ में स्ट्राबेरी, गेंदे-गुलाब के अलावा सब्जियां उगाना शुरू कीं। इसी में मौसमी फल जैसे-तरबूज, ककड़ी आदि भी लगाए। इससे उनकी आमदनी अच्छी होने लगी। ईश्वर सिंह मानते हैं कि लॉकडाउन के चलते स्ट्राबेरी से फायदा नहीं हुआ। लेकिन वे यह भी कहते हैं कि बाकी चीजों ने सारा नुकसान पूरा कर दिया। उन्हें अच्छा-खास लाभ हुआ। वे बाकी 2 एकड़ जमीन में सरसों, कपास आदि उगाते हैं। ईश्वर सिंह ने इस साल ही 3 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाया है। ईश्वर सिंह खेती में रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद इस्तेमाल करते हैं। इसे लेकर भी लोग उनकी सब्जियां खरीदते हैं।

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