स्लो पॉइजन है जला हुआ तेल, जानें ऐसे तेल का इस्तेमाल कितनी बार कर सकते हैं

अक्सर आपने लोगों को किचन में बचे हुए तेल का इस्तेमाल करते देखा होगा? लेकिन आपको बता दें कि यह तेल ही नहीं इसका धुंआ भी आपके लिए बहुत हानिकारक होता है। यह आपके डीएनए को डैमेज करने के साथ ही कैंसर और इनफर्टिलिटी का खतरा भी बढ़ा सकता है।

हेल्थ डेस्क : घर में या बाजारों में जब समोसे, कचौड़ी, पूरी या भटूरे  बनते हैं तो इसका तेल अमूमन बची जाता है और हम इस तेल को फेंकने में कतराते हैं और इसमें बार-बार और तेल डालकर खाने की चीज से बनाते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की लगातार तेल को गर्म करने से इसमें घातक केमिकल बनने लगते हैं, जो कैंसर से लेकर इनफर्टिलिटी तक का खतरा बढ़ा सकते हैं। इतना ही नहीं जले हुए तेल के धुंए को सूंघना भी हानिकारक होता है। आइए आज हम आपको बताते हैं इस 'जहर' के बारे में...

स्लो पॉइजन है जला हुआ तेल 
जब भी गैस पर बार-बार कढ़ाई में तेल गर्म किया जाता है, तो कुछ समय बाद इसका रंग बदल जाता है और तेल गाढ़ा होकर लिसलिसा सा हो जाता है। दरअसल यह ऑक्सीडेशन, हाइड्रोलिसिस और पॉलीमेराइजेशन जैसे केमिकल के रिएक्शन से होता है। इतना ही नहीं बार-बार तेल गर्म करने से इसके गुण और पोषक तत्व भी जहरीले होने लगते हैं। तेज आज बार-बार तेल गर्म करने से कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन और फैट जहरीले तत्वों में बदल जाते हैं।

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जले हुए तेल के नुकसान
- जले हुए तेल का लगातार इस्तेमाल करने से DNA को नुकसान पहुंचाने वाली जेनोटॉक्सिक, DNA में बदलाव लाने वाली म्यूटेजेनिक और कैंसर पैदा करने वाली कार्सिनोजेनिक जैसी चीजों का खतरा बढ़ जाता है।

- तेल को बार-बार गर्म करने से इससे अजीब सी गंध वाला धुआं निकलने लगता है। दरअसल, बार-बार तेल गर्म करने से कुकिंग ऑयल के धुंए में 200 से ज्यादा गैस निकलती है जो सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। यह धुंआ न्यूमोनिया, राइनाइटिस के साथ ही लंग कैंसर टीबी, अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।

- पाम ऑयल का ज्यादा इस्तेमाल करना पुरुषों में प्रजनन की क्षमता को कम कर सकता है। दरअसल, पाम ऑयल में सैचुरेटेड फैट ज्यादा मात्रा में होता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदायक है। साथ ही यह पुरुषों में प्रजनन का खतरा भी बढ़ाता है। वहीं, ट्रांस फैट से भरपूर चीजें महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर डालती है। यह ट्रांस फैट सूरजमुखी के तेल, सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल और कनोला के तेल में पाया जाता है।

- इतना ही नहीं दो तेल को एक साथ मिलाकर बार-बार खाना भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि दो अलग-अलग देशों के गुण और अगुण मिलने से यह शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।

इतनी बार से ज्यादा नहीं करें बचे हुए तेल का इस्तेमाल
खाना बनाते समय हमेशा कोशिश करें कि कढ़ाई में उतना ही तेल डालें जितना एक बार में इस्तेमाल हो जाता है। लेकिन कई बार डीप फ्राइंग के लिए हमें ज्यादा तेल डालना पड़ता है। ऐसे में एक बार तेल में डीप फ्राई करने के बाद आप इस तेल को छान लीजिए। अगर आप इसका यूज करना चाहते हैं तो इसे ज्यादा दिन तक नहीं रखें और जल्दी से इसे सब्जी बनाने में इस्तेमाल कर खत्म कर दें। इसमें दोबारा डीप फ्राई का काम नहीं करें नहीं तो इतनी बुरी तरह से जल जाता है।

ऐसे तेल का इस्तेमाल नहीं करें 
जब तेल का रंग बदलने लगता है और यह थोड़ा सा गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है, तो ऐसे तेल का इस्तेमाल नहीं करें। इसके अलावा छानने के बाद भी तेल अगर काला और गंदा दिखे तो भी ऐसे तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

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