अल्जाइमर और डिमेंशिया के हो सकते हैं शिकार, अगर नाक के साथ करते हैं ये काम, स्टडी में हैरान करने वाला खुलासा

अल्जाइमर और डिमेंशिया मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है। ये दोनों भूलने की बीमारी है। हालांकि इनमें फर्क होता है। लेकिन हम बात इस बीमारी के फैलाव को लेकर करने जा रहे हैं जिसका कनेक्शन नाक से जुड़ा है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। 

हेल्थ डेस्क.ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के मेडिक्स ने अल्जाइमर और डिमेंशिया को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि नाक से इसका कनेक्शन जुड़ा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन लोगों की नाक को लेकर गंदी आदतें हैं। उनमें इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। वो बताते हैं बैक्टीरिया नाक से मस्तिष्क की जर्नी कर सकते हैं।

वैज्ञानिकों की मानें तो कीड़े बैक्टीरिया पैदा करते हैं जो अल्जामइमर का एक संकेत हैं। अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति और उनके परिजनों के लिए खतरनाक स्थिति है। यह रोग मस्तिष्क को प्रभावित करता है और यूके में 65 वर्ष से कम आयु के 42,000 से अधिक लोग इस स्थिति के साथ जी रहे हैं। यह 80 वर्ष से अधिक उम्र के छह लोगों में से एक को प्रभावित करता है और ऐसा माना जाता है कि कुल मिलाकर लगभग 850,000 लोग अकेले यूके में पीड़ित हैं।

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बैक्टीरिया नाक के रास्ते मस्तिष्क तक पहुंच सकता है

जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में मेडिक्स ने लिखा है,' बैक्टीरिया क्लैमाइडिया न्यूमोनिया तंत्रिका तंत्र पर अटैक करने के लिए एक रास्ते के रूप में नेजल कैविटी (नाक गुहा) और मस्तिष्क के बीच फैली तंत्रिका ( nervous system) का उपयोग करने में सक्षम था। मस्तिष्क की कोशिकाओं ने तब प्रतिक्रिया दी। उनका रिएक्शन अमाइलॉइड बीटा प्रोटीन जमा करने की थी , जो अल्जाइमर का एक अहम संकेतक है। 

नाक के बाल निकालना या ऊंगली डालना खतरनाक हो सकता है

हालांकि यह शोध अपने शुरुआती चरण में हैं। यह रिसर्च अभी सिर्फ चूहों पर किया गया है। अभी तक इसमें मानव को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा कि अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचने के लिए मनुष्यों को अपनी सामान्य दैनिक आदतों से बचना चाहिए। क्लेम जोन्स सेंटर फॉर न्यूरोबायोलॉजी एंड स्टेम सेल रिसर्च के प्रमुख को-राइटर प्रोफेसर जेम्स सेंट जॉन ने कहा ,'नाक में उंगली डालना और अपनी नाक से बाल का निकालना एक अच्छा विचार नहीं है। नाक के अंदरूनी हिस्से को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। लेकिन पिकिंग और प्लकिंग से ऐसा आप करते हैं। अगर आपके नाक के अंदर के भाग को नुकसान पहुंचाते हैं तो आपके मस्तिष्क में बैक्टीरिया जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमने यह माउस मॉडल देखा और सबूत मनुष्यों के लिए संभावित रूप से डरावना है। अब टीम शोध के अगले चरण की योजना बना रही है। 

अल्जाइमर क्या है
 अल्जाइमर का खतरा मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण बढ़ता है। यह एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है। जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया में दिमाग सिकुड़ जाता है और इसकी सक्रियता कम होने लगती है। लोग चीजों को भूलने लगते हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण-
 -परिवार के सदस्यों को न पहचाना
-नींद नहीं आना
-चीजों को भूलने लगना
-आंखों की रोशनी पर असर पड़ना
-तनाव में रहना, डर जाना
-निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ना

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