Pregnancy के शुरुआती 3 महीने में हॉर्मोनल बदलाव होने के कारण आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या सबसे ज्यादा परेशान करती है, जिसके कारण आपको कुछ खाने का मन नहीं करता। हमेशा कमजोरी महसूस होती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही तरीके बताएंगे जिसके बाद आप इसे कंट्रोल कर सकती हैं।
नई दिल्ली। एक महिला के लिए मां बनना बहुत खास पल होता है। उतना ही खास पल उसके परिवार के लिए होता है। हर तरफ खुशियां ही खुशियां दिखाई देती हैं। लेकिन इस खुशी को पाने के लिए काफी दिक्कते भी झेलनी पड़ती है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के वक्त महिलाओं को कई तरह की दिक्कते होना शुरू हो जाती है, जिसके कारण वो हमेशा परेशान और अनईजी फील करती हैं। मॉर्निंग सिकनेस के कारण ना ही वो अच्छे से खा पाती हैं और ना ही कुछ अच्छा महसूस कर पाती हैं। ये दिक्कत महिलाओं को तीसरे महीने तक रहती है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिसके बाद आपको मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिलेगी।
हमेशा रखें अपने आपको हाइड्रेट
अगर आपका शरीर डी-हाइड्रेट रहेगा तो आपको मिचली या उल्टी की समस्या का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि पानी की कमी आपके लिए उल्टी होने का संकेत हो सकती है। जिसके कारण आपकी मॉर्निंग सिकनेस की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। बस इतना याद रखें की खाने के ठीक पहले या ठीक बाद पानी न पीएं। 30 मिनट के गेप के बाद ही पानी पीएं। उसके बाद भी अगर आपको उल्टी आती है तो आप रोजाना नारियल पानी, नींब पानी या संतरे का जूस पीना शुरू कर दें। इससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी और मुंह का टेस्ट भी अच्छा रहेगा।
छोटे-छोटे मील लेने की आदत डालें
कभी भी एक साथ ज्यादा न खाएं। प्रेग्नेंसी के दौरान हमेशा छोटे-छोटे मील खाएं। चाहे तो इन्हें 6 भागों में बांट लें। ऐसा करने से ना ही आपका पेट भारी होगा और ना ही आपको पाचन क्रिया की समस्या होगी। बस कोशिश ये करें की प्रोटीनयुक्त चीजें लें। प्रोटीन सहायक एंजाइमों को रिलीज करता है, जो पाचन को सही कर मिचली और गैस्ट्रिक की समस्या भी दूर करता है।
नींबू और पेपरमिंट वाली चीजें लें
खट्टी-मीठी चीजें मुंह का जायका ही नहीं बनाती, बल्कि इसकी खुशबू भी उल्टी आने की समस्या को रोकती है। साथ ही इसमें विटामिन सी होता है जो इम्युनिटी को भी बढ़ाता है और जायका भी बरकरार करता है। ठीक उसी तरह पेपरमिंट की खूशबू भी मिचली की समस्या को दूर कर देते हैं। साइट्रस चीजों को इनहेल करने से गैस्ट्रिक समस्याएं, तनाव और बेचैनी से संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं। इसलिए अपने पर्स में हमेशा नींबू या पेपरमिंट एसेंस जरूर रखें, ताकि जब जरूरत हो आप इसे प्रयोग कर सकें।
क्रेविंग से बचें
प्रेग्नेंसी में क्रेविंग बहुत ही आम लक्षण होता है। किसी को मीठा तो किसी को नमकीन चीजों की क्रेविंग होती है। लेकिन क्रेविंग के चक्कर में कुछ भी खा लेने से बचना चाहिए। ज्यादा मीठा खाना शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है या ज्यादा तीखा खाना एसिडीटी बढ़ा सकता है।
योग का ले सहारा
मार्निंग सिकनेस से बचने में योग भी बहुत काम आता है। योग शिक्षक की मदद से कुछ योग सीख लें, जो मिचली, उल्टी या तनाव को दूर करने का काम करते हैं। रोज 10-15 मिनट के योगाभ्यास करना प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई समस्याओं से बचाता है।
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