यदि आप किसी महिला मित्र या पार्टनर के साथ बाहर गए हैं और सूरज ढलने लगा है। तो संभावना है कि वे आप से ज्यादा जल्द ठंड महसूस करना शुरू कर देंगी। आखिर महिला पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंडी क्यों होती है, वैज्ञानिकों ने इसका राज खोला है।
हेल्थ डेस्क.महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंड क्यों लगती है। वैज्ञानिकों ने अब इसका कारण बताया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि महिलाओं को ठंडक महसूस होने लगी है क्योंकि यह लिगों को अलग रखता है और कपल के बीच टकराव को रोकता है। यह सिर्फ इंसान में नहीं बल्कि पक्षियों और जानवरों में भी होता है। मादाएं आरामदायक गर्म मांद पसंद करती हैं, जबकि नर ठंडी जगर पसंद करते हैं।
इजरायल स्थित तेल अवीव यूनिवर्सिटी के डॉ एरन लेविन (Dr Eran Levin) ने कहा कि पुरुष और महिलाएं अलग-अलग तापमान महसूस करते हैं। थर्मल सेंसेशन में यह अंतर इसलिए नहीं आया है ताकि हम एयर कंडीशनिंग पर अपने पार्टनर के साथ बहस कर सकें, बल्कि इसके विपरित है। एक विकासवादी दृष्टिकोण से देखें तो यह कपल को एग दूसरे से कुछ दूरी बनाने के लिए हैं ताकि प्रत्येक व्यक्ति अलग शांति का आनंद ले सके।
दो लिंगों के अलगाव का कारण बनती है
उन्होंने कहा कि हमारे स्टडी में पता चला है कि यह घटना मनुष्यों में ही नहीं, बल्कि पक्षियों और स्तनधारियों की कई प्रजातियों में भी देखने को मिलती है। मादाएं पुरुषों की तुलना में गर्म वातावरण पसंद करती हैं। निश्चित समय पर ये प्राथमिकताएं दो लिंगों के बीच अलगाव का कारण बनती हैं।
यह घटना जानवरों और मनुष्यों में देखे जाने वाले कई अन्य लक्षणों से जुड़ी है।
पक्षियों में भी देखा जाता है ये अंतर
उदाहरण के लिए, महिलाओं के गर्मजोशी के लिए एक साथ घूमने की संभावना अधिक होती है जबकि पुरुष अधिक दूरी बनाए रखते हैं और एक-दूसरे के संपर्क में आने से कतराते हैं। प्रवासी पक्षी प्रजातियों में, नर मादाओं की तुलना में ठंडे क्षेत्रों में सर्दी बिताते है। मादा चमगादड़ एक आरामदायक कोने में वक्त गुजारती है। जबकि नर हवादार जगह पर फैल कर रहना पसंद करता है।
कई स्तनधारियों में, यहां तक कि जोड़े में या मिश्रित समूहों में रहने वाली प्रजातियों में भी, नर छाया पसंद करते हैं जबकि मादा सूरज की रोशनी पसंद करते हैं। नर पहाड़ों की चोटियों पर चढ़ते हैं जबकि मादा घाटियों में रहती हैं।
पर्यावरण में प्रतिस्पर्धा को कम करता है
ग्लोबल इकोलॉजी एंड बायोग्राफी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि पुरुषों और महिलाओं के बीच अलगाव पर्यावरण में संसाधनों पर प्रतिस्पर्धा को कम करता है। पुरुषों को दूर रखता है जो आक्रामक हो सकते हैं और बच्चों को खतरे में डाल सकते हैं।
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