ज्यादा सोने से होते हैं ये 5 नुकसान, रखें इसका ध्यान

Published : Jan 11, 2020, 09:18 AM IST
ज्यादा सोने से होते हैं ये 5 नुकसान, रखें इसका ध्यान

सार

जैसे कम सोने से स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होता है, उसी तरह जरूरत से ज्यादा सोना भी अच्छा नहीं बताया गया है। ज्यादा सोने से भी कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं। 

हेल्थ डेस्क। जैसे कम सोने से स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होता है, उसी तरह जरूरत से ज्यादा सोना भी अच्छा नहीं बताया गया है। ज्यादा सोने से भी कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं। आज लाइफस्टाइल में बदलाव आ जाने के कारण कई बार लोग तो बहुत कम सोते हैं, लेकिन मौका मिलते ही ज्यादा सोने की कोशिश करते हैं। वीकेंड पर कई लोग पूरा दिन सिर्फ सो कर ही गुजार देते हैं। अगर कोई व्यक्ति ऐसा लगातार करता हो तो उसे स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। जानते हैं इनके बारे में। 

1. मोटापा
ज्यादा सोने से मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है। मोटापा अपने आप में बुरी चीज है और कई बीमारियों की जड़ है। ज्यादा सोने से शारीरिक गतिविधि सुस्त पड़ जाती है और इसका असर डाइजेशन समेत तमाम तरह की शारीरिक प्रक्रियाओं पर पड़ता है। इसलिए सोने का समय निर्धारित रहना चाहिए। रोज एक ही समय पर सोना और जागना चाहिए। 

2. दिल की बीमारियां
एक रिसर्च से पता चला है कि ज्यादा सोने से दिल संबंधी बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जो महिलाएं 9 से 11 घंटे तक सोती हैं, उनमें दिल की बीमारियां होने की संभावना 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। 

3. डायबिटीज की संभावना
ज्यादा सोने से डायबिटीज होने की संभावना भी रहती है। इसकी वजह है फिजिकल एक्टिविटीज की कमी। एक स्टडी के अनुसार अगर कोई 9 घंटे से ज्यादा सोता हो तो उसके ब्लड में शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो सकती है। 

4. पीठ में दर्द
ज्यादा सोने से पीठ में दर्द होने की समस्या भी पैदा हो जाती है। यह परेशानी उन लोगों को ज्यादा होती है जो घंटों कम्प्यूटर पर काम करते हैं और इसके बाद देर तक सोते हैं। ऐसे लोगों को एक्ससाइज करने का समय नहीं मिल पाता है। ज्यादा समय तक बैठ कर काम करने और फिर सोए रहने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन सही ढंग से से नहीं हो पाता है और इससे दर्द की समस्या होती है। 

5. डिप्रेशन 
ज्यादा सोने से डिप्रेशन होने की संभावना भी रहती है। अगर कोई जरूरत से ज्यादा सोता है तो सुस्ती पैदा होती है और आलस्य भी बढ़ता है। इसका मनोवैज्ञानिक असर अच्छा नहीं होता। ज्यादा सोने से उत्साह की कमी हो जाती है। इससे पॉजिटिविटी कमती है। इसलिए कभी भी ज्यादा नहीं सोना चाहिए।      
 

PREV

Recommended Stories

Heart Attack: इमरजेंसी में भी नहीं रुकेगी दिल की धड़कन, हार्ट अटैक में काम आएंगी 3 दवाएं
Holiday Depression: हॉलिडे डिप्रेशन क्या है? और इससे कैसे बचें? 7 आसान तरीके