World TB Day 2022: क्या होता है DOTS? जानें सबसे घातक संक्रमण से बचने का तरीका

24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस (World Tuberculosis Day) मना जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों के बीच टीबी के प्रति जागरुकता फैलाना और इसे रोकना है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2022 6:44 AM IST

हेल्थ डेस्क: भारत में सबसे आम संक्रामक रोगों में से एक तपेदिक यानी कि TB हैं। इसके बारे में भ्रांतियों की कोई कमी नहीं है। इस घातक बीमारी से प्रभावी ढंग से लड़ने और जन जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस (World TB Day 2022) मनाया जाता है। टीबी एक ऐसी बीमारी है, जिसे रोका और कम किया जा सकता है। इसका सबसे सटीक और सफल इलाज डॉट्स (DOTS) के रूप में जाना जाता है। आइए आज आपको बताते हैं, डॉट्स है क्या और कैसे ये टीबी से निजात दिला सकता है...

क्या होता है DOTS? 
टीबी के इलाज के लिए कम से कम छह महीने के उपचार की आवश्यकता होती है। इस दौरान मरीज को DOTS थेरेपी दी जाती है। इसका मतलब होता है- डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड थेरेपी शार्टटर्म कोर्स। डॉट्स संक्रामक मामलों को जल्दी से गैर-संक्रामक बनाता है और संचरण के चक्र को तोड़ता है। डॉट्स में चार दवाएं आईएनएच, आरआईएफ, पायराज़िनमाइड (पीजेडए) और एथमबुटोल (ईएमबी) शामिल होती है, जिसे टीबी के मरीज को 6 से 9 महीने के लिए दिया जाता है। 

Latest Videos

ये भी पढ़ें- World TB Day 2022: टीबी के जोखिम को 10 गुना तक कम कर सकते है ये फूड आइटम, आज ही करें डाइट में शामिल

कैसे होता है डॉट्स का उपचार
टीबी से निजात पाने के लिए डॉक्टर द्वारा डॉट्स के उपचार की सिफारिश की जाती है। इसके साथ ही मरीज की देखभाल के लिए एक नर्स या कार्यकर्ता भी लगाया जाता है, जो दवा का प्रबंधन करता है ताकि आप सही समय पर सही डोज ले सकें। भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉट्स केंद्र की स्थापना की गई है, जहां पर टीबी के मरीज अपना इलाज करवा कर डॉट्स का ट्रीटमेंट पूरा कर सकते हैं।

डॉट्स के फायदे
डब्ल्यूएचओ के अनुसार बांग्लादेश, नेपाल और चीन जैसे देशों में 80% से अधिक लोग डॉट्स का कोर्स पूरा करके टीबी जैसी बीमारियों को मात दे चुके हैं। यह बहुत सफल ट्रीटमेंट है और दुनिया भर में 180 से ज्यादा देश इसका उपयोग करते हैं। यह टीबी को नियंत्रित करने के लिए एक लाभदायक और किफायती इलाज माना जाता है। भारत में डॉट्स केंद्र में इसकी दवाइयां वितरित की जाती हैं। इतना ही नहीं भारत में टीबी रोगियों को अपने खानपान के लिए सरकार द्वारा 500 रुपए की सहायता भी दी जाती है।

डॉट्स के साइड इफेक्ट
किसी भी ट्रीटमेंट के दो साइड होते हैं एक पॉजिटिव एक नेगेटिव। जाहिर सी बात है कि डॉट्स के भी कुछ साइड इफेक्ट होते हैं, जिसमें चक्कर आना, उल्टी जैसा महसूस होना, त्वचा पर चकत्ते पड़ना और फ्लू आदि हो सकता है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है डॉट्स का ट्रीटमेंट लेते समय अगर इस तरह का कोई भी लक्षण आपको नजर आए तो तुरंत अपने नर्स या डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर्स की मानें तो टीबी की दवा शुरू करने के समय लगभग 30 से 40% रोगियों में इसके साइड इफेक्ट नजर आते हैं।

ये भी पढ़ें- Health Tips: सुबह-दोपहर-शाम किस समय कॉफी पीना होता है सही, इस तरह पीएंगे तो मिलेंगे फायदे

Exam Time: एग्जाम के प्रेशर में बच्चे छोड़ देते है खाना-पीना, उन्हें बनाकर खिलाएं ये हेल्दी एनर्जी बार

Share this article
click me!

Latest Videos

'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
धारा 370 पर मोदी ने खुलेआम दिया चैलेंज #Shorts
दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट: कौन हैं वो 5 मंत्री जो आतिशी के साथ लेंगे शपथ
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
OMG! यहां बीवियां हो जाती हैं चोरी, जानें कहां चल रहा ऐसा 'कांड'