बारदोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वल्लभ भाई पटेल को मिली थी ‘सरदार’ की उपाधि

किसानों ने बढ़े हुए लगान के खिलाफ बारदोली सत्याग्रह किया था। इसका नेतृत्व सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। आंदोलन की सफलता के बाद वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि मिली थी।

Asianet News Hindi | Published : Mar 27, 2022 12:05 PM IST / Updated: Mar 27 2022, 05:43 PM IST

नई दिल्ली। भारत अपनी आजादी का 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर हम आपको बारदोली सत्याग्रह के बारे में बता रहे हैं। इस आंदोलन के चलते ब्रिटिश सरकार को घुटने टेकने पड़े थे। इस आंदोलन की सफलता के बाद वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधी मिली थी।

आजादी की लड़ाई में 1928 का बारदोली सत्याग्रह खास महत्व रखता है। इस सत्याग्रह के हीरो सरदार बल्लभ भाई पटेल थे। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने किसानों की जमीन पर लगाए जाने वाले टैक्स को अचानक 30 प्रतिशत बढ़ा दिया था। यह निर्णय एक प्रांतीय सिविल सेवा अधिकारी की सिफारिश के आधार पर लिया गया था, जिसने तर्क दिया था कि ताप्ती नदी घाटी में रेलवे लाइन बिछाने के बाद इस क्षेत्र के किसान समृद्धि हो गए हैं। इसके चलते इनसे अधिक टैक्स लिया जाए। 

टैक्स में वृद्धि के विरोध में बारदोली में किसानों की एक विशाल सभा आयोजित की गई थी। किसानों ने दो टूक कह दिया था कि बढ़ा हुआ लगान किसी कीमत पर नहीं दिया जाएगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल और महात्मा गांधी इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे। 

चार महीनों तक चला था सत्याग्रह
4 फरवरी 1928 को लगान के खिलाफ वल्लभ भाई पटेल ने कोपटेल ने बारदोली में किसानों की सभा आयोजित की थी। उन्होंने ब्रिटिश सरकार से एक बार फिर इस निर्णय पर विचार करने को कहा, लेकिन ब्रिटिश सरकार की तरफ से जवाब नहीं मिला। लगान कि पहली किश्त का भुगतान करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी 1928 थी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों को जमीन और मवेशियों को जब्त करने के लिए आदेश दिया गया था। यह आंदोलन चार महीनों तक चला।

ब्रिटिश सरकार को झुकना पड़ा
किसानों ने अपनी संपत्ति की कुर्की की कीमत पर भी राजस्व का भुगतान नहीं किया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों का बहिष्कार किया और खेतों से अनुपस्थिति रहे। एक साथ अपने घरों को बंद कर दिया। इसके बाद सरकार को झुकना पड़ा और जून 1928 में सरकार को किसानों के साथ समझौता करना पड़ा। समझौता के मुताबिक लगान में तीस फीसदी के बजाय 5.7 प्रतिशत वृद्धि की गई। कर भुगतान के बाद प्रशासन द्वारा जब्त की गई भूमि वापस कर दी गई। 

वल्लभ भाई पटेल को मिली थी ‘सरदार’ की उपाधि
इस सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की। बारदोली सत्याग्रह सफल होने के बाद गांधी जी ने कहा था कि इस तरह का हर संघर्ष, हर कोशिश हमें स्वराज के करीब पहुंचा रही है। 

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