जन्म कुंडली में ग्रहों की ऐसी स्थिति के कारण विवाह में होती है देरी, करें ये आसान उपाय

आज के समय में विवाह में देरी होना एक आम समस्या हो गई है। इसके कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा जो कारण है वो है ग्रहों की प्रतिकूल दशा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह शीघ्र होना या देरी से आपकी कुंडली पर निर्भर करता है।

Contributor Asianet | / Updated: Nov 17 2021, 07:56 AM IST

उज्जैन. अगर आपकी कुंडली में शीघ्र विवाह का योग है तो आपका विवाह जल्द होगा और अगर नहीं है तो विवाह होने में कई बाधाएं उत्पन्न होंगी। लेकिन सवाल यह है कि आप कैसे जानेंगे कि आपकी कुंडली में शीघ्र विवाह का योग है या नहीं। और अगर नहीं है तो ऐसे कौन से उपाय हैं जिनसे विवाह में हो रही देरी को दूर किया जा सकता है। आगे जानिए वो कारण, जिनकी वजह से विवाह में देरी होती है और वो उपाय जिनसे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं… 

इस वजह से विवाह में होती है देरी
1.
ज्योतिषीय दृष्टि से जब विवाह योग बनते हैं, तब विवाह टलने से विवाह में बहुत देरी हो जाती है। विवाह में देरी होने का एक कारण बच्चों का मांगलिक होना भी है। इनके विवाह के योग 27, 29, 31, 33, 35 व 37वें वर्ष में बनते हैं। जिन युवक-युवतियों के विवाह में विलंब हो जाता है, तो उनके ग्रहों की दशा ज्ञात कर विवाह के योग कब बनते हैं जान सकते हैं। 
2. जब सूर्य, मंगल या बुध लग्न या लग्न के स्वामी पर दृष्टि डालते हों और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो व्यक्ति में आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है।
3. लग्न (प्रथम) भाव में, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
4. सप्तम भाव में शनि और गुरु हो तो शादी देर होती है। चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं। सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नही हो तो विवाह में देरी होती है।
5. कुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों हो तो विवाह की बातें होती रहती हैं, लेकिन विवाह काफी समय के बाद होता है।
6. चौथा भाव या लग्न भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति की रुचि शादी में नहीं होती है।

जल्दी विवाह के उपाय
1.
मनचाहे वर प्राप्ति या शीघ्र विवाह की मनोकामना के लिए शिव-पार्वती का पूजन करना चाहिए। इसके लिए रोज शिवलिंग पर कच्चा दूध, बेल पत्र, चावल, कुमकुम आदि से पूजन करना चाहिए। 
2. यदि व्यक्ति किसी भी पूर्णिमा पर वट वृक्ष की 108 परिक्रमा लगाता है तो जल्द ही उसकी विवाह संबंधी बाधा दूर होगी। 
3. अगर कोई कन्या या पुरुष शीघ्र विवाह की कामना करता है तो उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेड़े पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए और इसके साथ ही थोड़ा सा गुड़ व चने की पीली दाल गाय को खिलानी चाहिए।

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