शनि ने बदला नक्षत्र, कम हो सकता है कोरोना का असर, सुधरेगी देश-दुनिया की स्थिति

23 जनवरी, शनिवार से शनि श्रवण नक्षत्र में आ चुका है। कुछ पंचांगों के अनुसार शनि का नक्षत्र परिवर्तन 22 जनवरी को ही हो गया है। अभी ये ग्रह मकर राशि में ही है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2021 4:16 AM IST / Updated: Jan 23 2021, 12:38 PM IST

उज्जैन. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं। शनि सूर्य से शत्रु भाव रखते है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, शनि के श्रवण नक्षत्र में आने से हिंसा, युद्ध जैसे हालात, महामारी और ऐसी अन्य समस्याएं खत्म होने लगेंगी। 

2022 तक इसी नक्षत्र में रहेगा शनि

जैसे-जैसे शनि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से श्रवण नक्षत्र की ओर बढ़ रहा था, कोरोना महामारी का असर कम होने लगा था। अब शनि के श्रवण नक्षत्र में आने से इस महामारी का प्रभाव और कम हो जाएगा। श्रवण नक्षत्र में शनि 18-19 फरवरी 2022 तक रहेगा। इसके बाद ये ग्रह धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेगा।

3 ग्रह एक साथ रहेंगे श्रवण नक्षत्र में

शनि के अलावा गुरु और सूर्य भी श्रवण नक्षत्र में ही हैं। सूर्य और गुरु का फल शुभ रहेगा। श्रवण नक्षत्र का स्वामी चंद्र है। वराहमिहिर ने अपने ग्रंथ बृहत्संहिता में लिखा है कि श्रवण नक्षत्र में शनि हो तो सरकार या राजा के अधिकारी को कष्ट होता है। शनि की इस स्थिति की वजह से कोई गंभीर रोग प्रजा यानी जनता के लिए नुकसानदायक नहीं होता है। व्यापारियों के लिए ये समय अच्छा फल देने वाला रहेगा।

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