ज्यादा धमाचौकड़ी मचाने वाले बच्चों को शांत रखने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स, कम होगी परेशानी

कुछ बच्चे काफी चंचल होते हैं। चंचलता बच्चों का स्वभाव है। लेकिन जब बच्चे ज्यादा धमाचौकड़ी मचाने लगते हैं, तो घर के लोग परेशान हो जाते हैं। दरअसल ऐसे बच्चे हाइपर एक्टिव होते हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 13, 2020 12:44 PM IST / Updated: Jul 13 2020, 06:15 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। कुछ बच्चे काफी चंचल होते हैं। चंचलता बच्चों का स्वभाव है। लेकिन जब बच्चे ज्यादा धमाचौकड़ी मचाने लगते हैं, तो घर के लोग परेशान हो जाते हैं। दरअसल ऐसे बच्चे हाइपर एक्टिव होते हैं। अगर शुरू में इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगे चल कर बच्चों के विकास में यह बड़ी समस्या बन सकता है। हाइपर एक्टिव बच्चे किसी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इसका नेगेटिव असर उनकी पढ़ाई-लिखाई और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर पड़ता है। पेरेंट्स को इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि कहीं उनका बच्चा हाइपर एक्टिव तो नहीं है। अगर बच्चा हाइपर एक्टिव हो तो ये टिप्स काफी काम आ सकते हैं।

1. बच्चों की एनर्जी को सही दिशा में लगाएं
जो बच्चे हाइपर एक्टिव होते हैं, उनमें शारीरिक और मानसिक ऊर्जा सामान्य बच्चों की तुलना में ज्यादा होती है। यही वजह है कि न तो उनका शरीर स्थिर रहता है और न ही दिमाग। वे लगातार तरह-तरह की एक्टिविटी करते रहते हैं। अगर वे ऐसा करते रहे, तो आगे चल कर किसी भी काम को ठीक से करना या पूरा कर पाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए ऐसे बच्चों का ध्यान किसी खास एक्टिविटी पर फोकस करवाना चाहिए।

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2. डांस और मेंटल एरोबिक्स में लगाएं
ऐसे बच्चों की जरूरत से ज्यादा ऊर्जा को खर्च करने के लिए उन्हें डांस, अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज और मेंटल एरोबिक्स में लगाना चाहिए। न्यूरोबिक्स या मेंटल एरोबिक्स ऐसे दिमागी एक्सरसाइज है, जिनसे बच्चों को अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। इसमें बच्चों को कई तरह के चित्र और आकृतियां दिखाई जाती हैं और उससे जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

3. संगीत सुनने या गीत गाने के लिए प्रोत्साहित करें
जो बच्चे ज्यादा धमाचौकड़ी मचाते हैं और कभी शांत नहीं रहते, उन्हें संगीत सुनने या गीत गाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। संगीत ज्यादा शोर-शराबे वाला नहीं होना चाहिए। मधुर संगीत से दिमाग को सुकून मिलने के साथ ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। वहीं, बच्चा जब  गीत गाता है या कोई कविता पढ़ता है तो उसकी मानसिक ऊर्जा सकारात्मक दिशा में लगती है। 

4. गैजेट्स से रखें दूर
बच्चों को कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, वीडियो गेम्स वगैरह से दूर रखना चाहिए। ऐसे तो गैजेट्स का असर सभी बच्चों के दिमाग पर नेगेटेव ही होता है, लेकिन हाइपर एक्टिव बच्चों को इससे ज्यादा नुकसान होता है। इससे उनकी दिमागी हलचल बढ़ जाती है। बच्चों को इनडोर और आउटडोर गेम्स में उनकी उम्र के हिसाब से भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

5. फास्ट फूड से रखें दूर
आजकल ज्यादातर बच्चे फास्ट फूड का सेवन करते हैं। बच्चों को फास्ट फूड से दूर रखना जरूरी है। इसका शरीर के साथ दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है। बच्चों को जंक फूड, पिज्जा, बर्गर, मोमोज जैसे अनहेल्दी फूड से दूर ही रखें। कोल्ड ड्रिंक्स और ज्यादा आइसक्रीम खाने से भी नुकसान होता है। इसकी जगह ताजा फल या जूस देना ठीक होगा। इससे शारीरिक और मानसिक विकास संतुलित होता है।     
 

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