
Expert Gut Health Tips: हमारे शरीर की सेहत का सीधा संबंध पेट यानी गट हेल्थ से होता है। इसलिए तो कहा जाता है कि इंसान के दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है। मशहूर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि अगर आपका गट हेल्दी है, तो न सिर्फ आपका पाचन बल्कि मूड, नींद और एनर्जी लेवल भी बेहतर रहेंगे। हाल ही में उन्होंने गट हेल्थ से जुड़े कुछ वायरल टिप्स शेयर किए हैं जो रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतों से आपकी गट हेल्थ को बदल सकते हैं।
आपका गट सिर्फ खाना पचाने तक सीमित नहीं है बल्कि यह आपके ब्रेन और मूड पर भी इफेक्ट डालता है। दरअसल, शरीर में लगभग 90% सेरोटोनिन (हैप्पी हार्मोन) गट में ही बनता है। अगर आपका पाचन खराब है, तो आपका मूड भी अक्सर खराब हो सकता है, इसलिए अगर खुश रहना है, तो गट हेल्थ का रखो ठीक से ख्याल।
डॉ. सेठी के अनुसार, स्लाइटली ग्रीन केले गट हेल्थ के लिए ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इनमें रेसिस्टेंट स्टार्च होता है जो अच्छे गट बैक्टीरिया को खाना देता है और ब्लड शुगर को अचानक स्पाइक नहीं करता। यानी ये हरे केले पेट और डायबिटीज दोनों के लिए बेहतरीन हैं।
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हल्दी, अदरक और सौंफ जैसे हर्ब्स और स्पाइस सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं हैं, बल्कि ये इंफ्लेमेशन कम करने और पाचन सुधारने में भी मददगार होते हैं। यानी अगर आप इन्हें खाने का हिस्सा बनाते हैं तो पेट हल्का और डाइजेशन बेहतर रहेगा। आप इसे डेली डाइट में जरूर शामिल करें और देखें इसका असर।
कई बार लोग मानते हैं कि गट हेल्थ सिर्फ डाइट से जुड़ी होती है, लेकिन क्रोनिक स्ट्रेस भी इसका बड़ा दुश्मन है। हमारे दिमाग और गट को जोड़ने वाली वागस नर्व पर स्ट्रेस का सीधा असर पड़ता है। लगातार स्ट्रेस से पाचन कमजोर हो जाता है, जिससे ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
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दही, सौकरॉट, किमची और केफिर जैसे फर्मेंटेड फूड्स गट के लिए किसी दवा से कम नहीं। इनमें मौजूद प्रोबायोटिक्स गट बैक्टीरिया को सही बैलेंस में रखते हैं। इन्हें खाते रहने से ब्लोटिंग कम करने, इम्युनिटी बढ़ाने और यहां तक कि मेंटल क्लैरिटी लाने में मदद मिलती है।
ब्लूबेरी, रास्पबेरी और अनार जैसी बेरीज गट के लिए बेहतरीन फूड हैं। ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करती हैं और गट माइक्रोब्स को फ्यूल देती हैं। डॉ. सेठी मानते हैं कि ये रियल फूड सप्लीमेंट्स या प्रोबायोटिक कैप्सूल्स से ज्यादा असरदार होता है।
कई लोग मानते हैं कि हेल्दी रहने के लिए रोजाना पॉटी आना जरूरी है, लेकिन सच यह है कि हफ्ते में 3 बार से लेकर दिन में 3 बार तक पॉटी करना नॉर्मल है। असली दिक्कत तब है जब ब्लोटिंग, दर्द या ज्यादा स्ट्रेन करना पड़े। अगर ऐसा हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
डॉ. सेठी कहते हैं कि गट हेल्थ को ट्रेंड न समझें बल्कि इसे अपनी सेहत की नींव मानें। जब गट सही रहेगा तो डाइजेशन, मूड, इम्यूनिटी, नींद, इन्फ्लेमेशन और भूख कंट्रोल सब कुछ बेहतर होगा। यानी पेट सही तो पूरा शरीर सही।