
आपने कभी सुना है कि डॉक्टर या इंसान के बदले ऑटिस्टिक से लगाकर डिप्रेशन पेशेंट तक की मदद कोई जानवर कर सकता है? साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट की माने, तो कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट वू कभी चीन में गेमिंग इंडस्ट्री में काम करते थे। अब देश में थेरेपी डॉग सपोर्टर्स में से एक हैं। उन्होंने अपने आकर्षक करियर को छोड़ते हुए एनिमल बिहेवियर स्टडी करने का फैसला किया और अपना जीवन इस खास काम में लगा दिया। वह पालतू जानवरों को प्रशिक्षण देते हैं ताकि थेरेपी डॉग्स पेशेंट की मदद कर सके। वू ने बताया कि बचपन में उन्हें हल्का ऑटिज्म था और उनके पहले कुत्ते ने उन्हें बातचीत करना सिखाया। आइए जानते हैं कैसे थेरिपी डॉग की मदद से पेशेंट बेहतर महसूस करते हैं।
वू के शंघाई स्थित ऑर्गेनाइनजेशन पॉ फॉर हील ने 5,000 से ज्यादा पालतू जानवरों को प्रशिक्षित किया है। इसमें 400 ने पेशेवर थेरेपी को पास कर लिया। वू ने प्रशिक्षित कुत्तों और उनके मालिकों को सेवा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। वू के ऑर्गेनाइजेशन में ऑटिज्म,डिप्रेशनसे पीड़ित बच्चों, किशोर अपराधियों, मनोभ्रंश से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों और वर्कप्लेस टेंशन से पीड़ित लोगों का इलाज किया जाता है।
वू के अनुसार उनके ऑर्गनाइजेशन में अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को काफी फायदा पहुंचा है। उन्होंने बताया कि उनको तब आश्चर्य हुआ जब एक अल्जाइमर से पीड़ित बुजुर्ग व्यक्ति को कुत्ते का नाम याद था, जिससे कि वह पहले मिले थे। जबकि बुजुर्ग को अपने बच्चों का नाम याद नहीं था। उनकी ऑर्गेनाइजेशन अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की सेवा कर चुकी है। आपको बताते चले कि चीन में थेरेपी डॉग्स की संख्या बहुत कम है, जबकि अमेरिका में इनकी संख्या 3 लाख से अधिक है।
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कुत्तों के साथ कुछ मिनट के लिए खेलने से तनाव कम होता है और रोगियों को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। स्टडी से यह बात साबित हो चुकी है कि थेरेपी डॉग से ब्लड प्रेशर और पेन कम होता है। साथ ही कुत्तों को सहलाने से ऑक्सीटोसिन जैसे हार्मोन का प्रोडक्शन होता है, जो कि डिप्रेशन पेशेंट को मदद करते हैं।
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