Copper and milk reaction: तांबे के बर्तन में दूध पीना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। केमिकल रिएक्शन से दूध विषाक्त बन सकता है, पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
हेल्थ डेस्क : तांबे के बर्तन में दूध पीने से जुड़ी मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्य जान लेना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे होते हैं, लेकिन जानकार हैरानी होगी कि दूध पीने के लिए तांबे का बर्तन सही नहीं माना जाता है। आखिर तांबे के बर्तन में दूध पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक क्यों है। जानें इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण हैं, जो वास्तव में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जबकि तांबे में एक रासायनिक तत्व होता है। ऐसे में तांबा, दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है, जिससे दूध विषाक्त हो सकता है।
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तांबा ऑक्सीडाइज होकर दूध को खराब कर सकता है। इससे दूध का स्वाद खराब हो जाता है और अगर आप इसे फिर भी पी लेते हैं तो यह पेट की समस्याएं पैदा कर सकता है।
तांबे के बर्तन में दूध पीने से पेट में जलन, उल्टी, और एसिडिटी हो सकती है। यह फूड पॉइजनिंग का कारण भी बन सकता है।
यदि तांबे का बर्तन सही तरीके से साफ नहीं किया गया हो, तो इसमें जमी हुई गंदगी और रासायनिक अवशेष दूध के साथ मिलकर जहर जैसा प्रभाव डाल सकते हैं। पुराना या जंग लगा हुआ तांबा और भी अधिक खतरनाक हो सकता है।
तांबे के साथ प्रतिक्रिया के कारण दूध में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। ऐसा बताते हैं कि इससे शरीर को दूध के सेवन से मिलने वाला लाभ कम हो जाता है।
लंबे समय तक तांबे के बर्तन में दूध पीने से तांबा शरीर में जमा हो सकता है। बताते हैं इससे कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है, जो लीवर और किडनी को प्रभावित कर सकती है।
आयुर्वेद में तांबे के बर्तन को पानी स्टोर करने के लिए सही माना गया है, लेकिन दूध और अन्य एसिडिक पदार्थों के लिए मना किया गया है। आप दूध के लिए स्टील या कांच का बर्तन चुनें। स्टील और कांच रासायनिक रूप से स्थिर होते हैं, जो दूध को सुरक्षित रखते हैं।
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