चुटकियों में कैंसर का चल जाएगा पता!आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेंगी हेल्प

डॉक्टर जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके कैंसर का पता लगाने और निदान करने में सक्षम हो सकते हैं। जिससे कैंसर का इलाज प्रारंभिक स्टेज में ही शुरू हो सकता है और मरीज की जान बच सकती है।

Nitu Kumari | Published : Jun 20, 2024 2:13 PM IST / Updated: Jun 20 2024, 07:45 PM IST

हेल्थ डेस्क.कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाना मुश्किल होता है और यह बीमारी बढ़ जाती है।जिसकी वजह से मरीज की जान चली जाती है। लेकिन अब कैंसर का पता तुरंत लगा लिया जाएगा। इसमें मदद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) करने वाली है। एक नए स्टडी में इस खुशखबरी को साझा किया गया है कि डॉक्टर जल्द एआई(AI) की मदद से कैंसर का पता लगाने और निदान करने में सक्षण हो सकते हैं। जिससे पहले ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा।

जर्नल “बायोलॉजी मेथड्स एंड प्रोटोकॉल्स” में पब्लिश स्टडी के मुताबिक कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एआई मॉडल को “डीएनए मिथाइलेशन” पैटर्न को देखने और 13 विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया, जिसमें ब्रेस्ट,लीवर, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर शामिल हैं। यह मॉडल गैर-कैंसर वाले टिश्यू से 98.2 प्रतिशत सटीकता के साथ कैंसर की पहचान कर सकता है।

क्या है डीएनए मिथाइलेशन

शोधकर्ताओं ने समझाया, 'जेनेटिकल जानकारी डीएनए में चार बेस (A, T, G और C) के पैटर्न द्वारा एन्कोड की जाती है, जो इसकी संरचना बनाते हैं। कोशिका के बाहर पर्यावरणीय बदलाव कुछ डीएनए बेस को मिथाइल समूह जोड़कर संशोधित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को ‘डीएनए मिथाइलेशन’ कहा जाता है।' हर कोशिका में लाखों डीएए मिथाइलेशन स्पॉट होता है। शोधकर्ताओं ने प्रारंभिक कैंसर विकास में इन निशानों में परिवर्तन देखा है; वे प्रारंभिक कैंसर निदान में मदद कर सकते हैं।

मरीज की बचाई जा सकती है जान

अध्ययन के प्रमुख लेखक, शमिथ समराजीवा ने कहा,'इस मॉडल जैसी कंप्यूटेशनल विधियां, अधिक विविध डेटा पर बेहतर प्रशिक्षण और क्लिनिक में कठोर परीक्षण के माध्यम से, अंततः डॉक्टरों को कैंसर की प्रारंभिक पहचान और स्क्रीनिंग में मदद करने वाले एआई मॉडल (AI Model) देगी। यह बेहतर मरीजों के लिए रिजल्ट देगी।' इसके अलावा शोधकर्ताओं ने बताया कि इन असामान्य मिथाइलेशन पैटर्न की पहचान (संभावित रूप से बायोप्सी से) स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रारंभिक कैंसर का पता लगाने की अनुमति देगी। इससे मरीज के सेहत में ड्रैमेटिकलीसुधार हो सकता है। डॉक्टर मरीज का कैंसर बिल्कुल शुरुआती स्टेज में ही पकड़ सकती हैं। जिससे उनका इलाज शुरू होगा और बिना किसी दर्द से वो कैंसर मुक्त हो सकते हैं।

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