
हेल्थ डेस्क. गर्मी के मौसम में प्यास बुझाने के लिए ज्यादातर लोग कोल्ड ड्रिंक की तरफ रुख करते हैं। लेकिन उनके हाथ में मौजूद कोक का केन उनकी सेहत के लिए काफी खतरनाक है। । विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि कोका कोला समेत अन्य पेय फूड आइटम्स को मीठा करने वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम से कैंसर होने का जोखिम है।
एस्पार्टेम क्या है
एस्पार्टेम का उपयोग कोक में दशकों से किया जा रहा है। इतना ही नहीं कई देशों में तो इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है।यह चीनी के विकल्प के तौर पर लिया जाता है। कोक समेत कई फूड आइटम्स को मीठा करने का काम करता है। एस्पार्टेम एक तरह का आर्टिफिशियल स्वीटनर है।यह सुक्रोज (सामान्य चीनी) से लगभग 200 गुना अधिक मीठा है। अब इसे डब्ल्यूएचओ की कैंसर अनुसंधान यूनिट की ओर से कार्सिनोजेनिक घोषित करने की तैयारी है।
कैसे बनता है एस्पार्टेम
कोका कोला के साथ मार्स एक्स्ट्रा च्यूइंग गम, कुश स्नैपल ड्रिंक समेत कई चीजों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। एस्पार्टेम दो स्वीटनर अमीनो एसिड एसपारटिक एसिड और फेनिलएलनिन मिलाकर बनाया जाता है। हालांकि इस स्वीटनर की सुरक्षा हमेशा विवादों में रही है। इसकी खोज 1965 में केमिस्ट जेम्स एम श्लैटर ने की थी। इसे चीनी के विकल्प के तौर पर पेश किया था।अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 1981 में कुछ सूखे खाद्य पदार्थों में और 1983 में कार्बोनेटेड पेय पदार्थों में उपयोग के लिए एस्पार्टेम को मंजूरी दे दी।
एस्पार्टेम के अलावा ये भी हैं चीनी के विकल्प जो हैं खतरनाक
मई में, WHO ने आर्टिफिशियल स्वीटन के संबंध में एक हेल्थ गाइडलाइंस जारी किया और शरीर के वजन को कंट्रोल करने या गैर संचारी रोगों(NCD)के जोखिम को कम करने के लिए एनएसएस के उपयोग के खिलाफ सिफारिश की।एस्पार्टेम के अलावा, अन्य सामान्य एनएसएस मिठास में एसेसल्फेम के, एडवांटेम, साइक्लामेट्स, नियोटेम, सैकरिन, सुक्रालोज़, स्टीविया और स्टीविया डेरिवेटिव शामिल हैं।WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) जुलाई में एक बैठक आयोजित करेगी।जहां पहली बार एस्पार्टेम को उस लिस्ट में डाला जाएगा जिससे कैंसर का खतरा होता है।
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