E-cigarettes vs cigarettes 3 Dangers: कहीं आप भी तो स्टाइल और फैशन के चक्कर में अपने फेफड़ों की लंका नहीं लगा रही हैं। पहले जान लीजिए E-cigarettes भी है आम सिगरेट जितनी जानलेवा।
हेल्थ डेस्क: ई-सिगरेट अब लोगों में आदत की तरह नहीं बल्कि एक फैशन की तरह पसंद बनती चली जा रही है। कई लोग सिगरेट की लत छोड़कर ई-सिगरेट चुन रहे हैं और खुद को हाई क्लास दिखाने की होड़ में लगे हुए हैं। एक फैशन स्टेटमेंट के रूप तेजी से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की ओर हमारा युवा रुख कर रहा है और लोग यह मानते हैं कि ये आम सिगरेट की तरह जानलेवा नहीं है। लेकिन वास्तव में आपको जानकर हैरानी होगी कि ई-सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए उतना ही हानिकारक हो सकता है जितना कि आम सिगरेट पीना। यदि आप भी इस फैशनेबल लत के शिकार हो रहे हैं तो जरा संभल जाइए। फैशनेबल लत के चक्कर में उलझने से पहले एक बार इसके नुकसान जरूर जान लीजिए।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से लग रहा फेफड़े पर दांव
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में निकोटिन होता है, जो इसके स्वाद और सुगंध के लिए जोड़ा जाता है। इसके अलावा कई सारे अलग-अलग केमिकल होते हैं जिनको मिलाकर यह मिश्रण फेफड़ों में प्रवेश कराया जाता है। जब आप बलपूर्वक ई-सिगरेट से सांस लेते हैं तो यहां आपके फेफड़ों को नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।
ई-सिगरेट से हार्ट प्रोब्लम
ई-सिगरेट में मौजूद फ्लेवर ब्लड फ्लो में फैल जाते हैं, जिससे संचार प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि यह हृदय तक फैलते हैं। यहां पहुंचकर यह इसके कामकाज पर असर डालते हैं और हृदय रोग के बढ़ते जोखिम में योगदान देते हैं।
गर्भवती महिलाओं को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के नुकसान
नियमित सिगरेट की तरह, ई-सिगरेट गर्भवती महिलाओं के अजन्मे बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। धुएं का उत्सर्जन करने के बजाय, ये उपकरण कई प्रकार के रासायनिक स्वादों से युक्त वेपर छोड़ते हैं। इस धुंए से भ्रूण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि इससे न केवल अजन्मे बच्चे को खतरा है, बल्कि नवजात शिशु और शिशु भी ई-सिगरेट के धुएं के हानिकारक प्रभावों के प्रति संवेदनशील होते हैं।
और पढ़ें- कभी नहीं होगी भूलने की बीमारी, Brain ताउम्र रहेगा यंग, इन 3 आदतों को तुरंत बदल डालें
चुकंदर बचा सकती हैं दिल की बीमारी से पीड़ित रोगियों का जीवन, जानें कैसे और कितने दिन करना है सेवन