सार

हमारा दिमाग यानी ब्रेन हेल्दी है तो शरीर भी फिट रहता है। न्यूरोसाइंटिस्ट ने बताया कि ताउम्र अपने दिमाग को यंग तीन आदतों को बदलकर रखा जा सकता है। जिसकी वजह से भूलने की बीमारी नहीं होगी। आइए जानते हैं दिमाग को हेल्दी रखने के लिए क्या नहीं करना चाहिए।

हेल्थ डेस्क. अगर दिमाग (brain) दुरुस्त नहीं रहता है तो भूलने की बीमारी और ब्रेन फॉग की समस्या होने लगती है। यूएस की फीनिक्स में रहने वाली 24 साल की न्यूरोसाइंटिस्ट एमिली मैकडॉनल्ड ने ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए कुछ सुझाव साझा किया है। उन्होंने बताया कि मोबाइल की एक ऐसी आदत जो ब्रेन को बुरी तरह प्रभावित करती है उसे तुरंत बदल देना चाहिए।

सुबह उठते ही मोबाइल देखने की आदत को बदल दें

टिक टॉक इन्फ्लुएंसर ने कहा कि सुबह उठते ही हम मोबाइल को स्क्रोल करने लगते हैं। जो बिल्कुल सही नहीं हैं। हमारा दिमाग सोने और जागने के दौरान ट्रैन्ज़िशन में रहता है। ऐसे में मोबाइल इस्तेमाल करके हम उसके तनाव को बढ़ा देते हैं। आप अपने दिमाग में जो डालते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह आपके डोपामाइन के साथ खिलवाड़ करता है। इसलिए सुबह उठने के 20 -30 मिनट तक मोबाइल को टच नहीं करना चाहिए।

क्या करें-सुबह उठने के बाद मेडिटेशन करें। ये ब्रेन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पॉजिटिव बातें करें और सुनें।

माइंडसेट कोच मिली ने कहा कि सोने से पहले भी यही बात लागू होती है और हमें सोने से एक घंटे पहले अपना टीवी, लैपटॉप और फोन बंद कर देना चाहिए।

फास्ट फूड से बनाएं दूरी

उन्होंने यह भी कहा कि प्रोसेस्ड फूड जैसे-पिज्जा, बर्गर और कुरकुरे खाने से भी दिमाग पर नेगिटिव असर पड़ सकता है। प्रोसेस्ड फूड भूलने की बीमारी से जुड़े हैं। आंत और मस्तिष्क कनेक्शन बहुत तगड़ा जुड़ा होता है। इसलिए फास्ट फूड का सेवन जितना हो सकें उतना कम कर दें। सबसे अच्छा हो कि आप इस आदत को हेल्दी फूड के साथ बदल दें।

दिमाग के लिए अच्छा फूड-ब्लू बेरी और एवोकाडो दिमाग के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

निगेटिव बातों से रहें दूर

एमिली ने जोर देकर कहा कि लोगों को नेगिटिव सेल्फ टॉक से बचना चाहिए।आप जो कहते हैं वह दुनिया को देखने के आपके तरीके को बदल देता है। यदि आप कहते हैं कि 'आज का दिन बहुत अच्छा रहने वाला है' तो यह आपके मस्तिष्क को उन चीजों की तलाश करने के लिए कहता है जो अच्छी चीजें होती हैं। खुद के बारे में कभी नेगिटिव बाते नहीं बोलना चाहिए। मेडिटेशन करने से नई मस्तिष्क कोशिकाओं की संख्या बढ़ाता है। जो हमारे सीखने और स्मृति को नियंत्रित करता है।यह आपके मस्तिष्क को युवा रखता है।

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