एक अध्ययन के अनुसार, केल, फूलगोभी, ब्रोकोली या पत्तागोभी जैसी क्रूसिफेरस सब्जियां खाने से संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है।
एएचआर फेफड़ों को हेल्दी रखने में निभाता है अहम भूमिका
फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पाया कि एएचआर (एरिल हाइड्रोकार्बन रिसेप्टर ) एक प्रोटीन है जो आंत और फेफड़े जैसे अवरोध स्थलों पर पाया जाता है। इन क्रूसिफेरस सब्जियों मेंनेचुरल मॉलिक्यूल एएचआर के लिए आहारीय 'लिगैंड' हैं, जिसका अर्थ है कि, एक बार खाने के बाद, वे कई जीनों को लक्षित करने के लिए एएचआर को सक्रिय करते हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध में पता चलता है कि एएचआर फेफड़ों में रक्त वाहिकाओं को अस्तर करने वाली एंडोथेलियल कोशिकाओं में भी अत्यधिक सक्रिय है।
नेचुरल मॉलिक्यूल के लिए खाएं ये सब्जियां
शोध में कहा गया है कि जब लोग बीमार होते हैं और अच्छी डाइट लेने की संभावना कम होती है। इसलिए वे सब्जियों के उन मॉलिक्यूल को नहीं लेते हैं जो संक्रमण को कम करते हैं। वैसे भी बहुत सारी क्रूसिफेरस सब्जियां खाना एक अच्छा विचार है। लेकिन जब आप फेफड़ों के इंफेक्शन से पीड़ित हैं तो केल, फूलगोभी, ब्रोकली को डाइट में खाना जारी रख सकते हैं। हालांकि यह शोध अभी चूहों पर किया गया है। जिसका रिजल्ट काफी पॉजिटिव आया है।
कितने तरह के होते हैं फेफड़े का इंफेक्शन
बता दें कि अगर फेफड़ों में वायरस या बैक्टीरिया विकसित होना शुरू हो जाता है तो यह इंफेक्शन का रूप ले लेता है। लंग इंफेक्शन के मुख्य प्रकार निमोनिया, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, टीबी है। इसके लक्षण तेज बुखार, खांसी और बलगम में ब्लड आना, सांस लेने में परेशानी, गले में दर्द होना, घरघराहट आदि है। ऐसे में इनसे मुकाबला करने के लिए इलाज के साथ-साथ इस तरह की सब्जियों को डाइट में शामिल कर सकते हैं। हालांकि इस पर शोध अभी जारी है। कोई भी दवा या फिर क्या खाना है अपने डॉक्टर से संपर्क करके ही शुरू करना चाहिए।
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