अब 7 मिनट में हो सकेगा कैंसर का इलाज, इंग्लैंड शुरू करने जा रहा है Cancer Treatment Jab

Published : Aug 31, 2023, 02:38 PM IST
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सार

Cancer Treatment: इंग्लैंड में कैंसर को लेकर एक ऐसा ट्रीटमेंट शुरू होने जा रहा है जो मेडिकल क्षेत्र में क्रांति ला देगा। 7 मिनट में कैंसर का इलाज संभव होगा। 

हेल्थ डेस्क. कैंसर पूरी दुनिया में हो रही मौत की अहम वजहों में से एक है। हर साल लाखों लोगों की मौत इसकी वजह से हो जाती है। महिलाओं में ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते हैं। वहीं पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर ज्यादा हो रहे हैं। हालांकि वक्त पर कैंसर का पता चल जाने पर इसका ट्रीटमेंट मौजूद है। लेकिन यह काफी लंबा होता है। इतना ही नहीं अगर ये थर्ड स्टेज पर पता चलता है तो बहुत कम चासेंज होता है मरीज को बचाना। हालांकि वैज्ञानिक कैंसर के उपचार को लेकर लगातार प्रयासरत हैं। वो नए ट्रीटमेंट के तरीकों को लेकर लगातार शोध कर रहे हैं।

इंग्लैंड होगा पहला देश जहां ये इलाज होगा शुरू

इंग्लैंड में इसी दिशा में एक प्रगति हुई है। यहां पर शोधकर्ताओं ने कैंसर उपचार के लिए नई विधि वाला इंजेक्शन विकसित कर लिया है। यह इंजेक्शन कैंसर के इलाज में काफी फायदेमंद हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंग्लैंड दुनिया का पहला सात मिनट का कैंसर उपचार जैब शुरू करने जा रहा है। इसके तहत इलाज करने की वजह से कैंसर को खत्म करने में काफी कम वक्त लगेगी।

स्किन के नीचे दिया जाएगा एटेज़ोलिज़ुमाब इंजेंक्शन

एनएचएस इंग्लैंड ने मंगलवार को कहा कि इम्यूनोथेरेपी, एटेज़ोलिज़ुमाब से इलाज करने वाले सैकड़ों पात्र रोगियों को स्किन के नीचे इस इंजेक्शन को दिया जाएगा। जिससे ट्रीटमेंट के समय में तीन-चौथाई तक की कटौती हो सकती है।वेस्ट सफ़ोल्क एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के सलाहकार ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ अलेक्जेंडर मार्टिन ने कहा, 'यह मंजूरी न केवल हमें अपने मरीजों के लिए सुविधाजनक और तेज देखभाल प्रदान करने की अनुमति देगी, बल्कि हमारी टीमों को दिन भर में अधिक मरीजों का इलाज करने में सक्षम बनाएगी।'

कम वक्त में हो सकेगा इलाज

एनएचएस इंग्लैंड ने कहा कि उसे लगभग 3,600 रोगियों में से अधिकांश का इलाज शुरू होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि एटेजोलिजुमाब नाम से ये इम्यूनोथेरेपी उपलब्ध होगी। पहले जहां एटेज़ोलिज़ुमैब, जिसे टेक्सेंट्रिक के नाम से भी जाना जाता है आमतौर पर रोगियों को ड्रिप के माध्यम से सीधे उनकी नसों में दिया जाता है। जिसे पहुंचने में जिसमें अक्सर कुछ रोगियों के लिए लगभग 30 मिनट या एक घंटे तक का समय लग सकता है जब नस तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। लेकिन इंजेक्शन से देने से काम 7 मिनट में हो जाएगा।

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