इस बीमारी ने छीन ली मशहूर शायर मुनव्वर राना की जिंदगी, वक्त रहते पहचाने लक्षण

Published : Jan 15, 2024, 09:44 AM ISTUpdated : Jan 15, 2024, 10:28 AM IST
Munawwar Rana

सार

मशहूर शायर मुनव्वर राना अब इस दुनिया में नहीं रहें। कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हो गया। 9 जनवरी को तबीयत बिगड़ने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

हेल्थ डेस्क. आज एक बेबाक आवाज हमेशा-हमेशा के लिए खामोश हो गई। शायरी जगत का एक लौ बुझ गया। मशहूर शायर मुनव्वर राना इस दुनिया को सदा के लिए अलविदा कह गए। 14 जनवरी की देर रात कार्डियक अरेस्ट आने के बाद उनका निधन हो गया। वह कई दिनों से बीमार थे। 9 जनवरी को तबीयत बिगड़ने के बाद लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा था। राना ने 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

फेमस शायर मुनव्वर राणा लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उन्हें किडनी और हार्ट संबंधी कई समस्या थी। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने रविवार रात (14 जनवरी) करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डायलिलिस के दौरान उनके पेट में दर्द था जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें एडमिट कर लिया था। उनके गॉल ब्लैडर में कुछ दिक्कत थी, जिसके चलते उसकी सर्जरी की गई। तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर ने उन्हें वेटिलेटर पर रख दिया गया था।

क्या होता है कार्डियक अरेस्ट

कार्डियक अरेस्ट में हृदय अचानक काम करना बंद कर देता है। इस स्थिति में हृदय की धड़कन अचानक रुक जाती है, और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में खून का बहाव बंद हो जाता है। वक्त पर इलाज नहीं होता है तो इंसान की मौत भी हो सकती है। मुनव्वर राणा की सेहत पहले से खराब थी ऐसे में डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाएं। लेकिन अगर वक्त रहते इसके लक्षण को पहचान लिया जाए तो इंसान को बचाया जा सकता है।

कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति बेहोश हो सकता है, और सामान्य रूप से सांस लेना बंद कर देता है। फौरन इलाज न मिलने पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ ही मिनटों में दिमाग को क्षति पहुंच सकती है और मौत भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं इसके लक्षण।

कार्डियक के लक्षण 

-अचानक बेहोश हो जाना

-सांस का नब्ज का चलना बंद हो जाना

-रिएक्शन नहीं देना

-सायनोसिस

-अपनी गतिविधि पर नियंत्रण खो देना

कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें

अचानक कार्डियक अरेस्ट के लिए आपातकालीन उपचार में कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और स्वचालित बाह्य डिफिब्रिलेटर (एईडी) नामक उपकरण से हृदय को झटका देना शामिल है। तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने पर व्यक्ति को बचाया जा सकता है। ठंड के मौसम में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आने की ज्यादा आशंका होती है। ऐसे में बुजुर्ग को ठंड में ज्यादा बाहर निकलने नहीं देना चाहिए। उनकी हर एक्टिविटी पर नजर रखना चाहिए। हाल के वक्त में बुजुर्गों के लिए कही जाने वाली ये बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। ऐसे उन्हें भी अपना ख्याल रखना चाहिए।

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