चीन से फैले HMPV वायरस के मामले भारत में बढ़ रहे हैं। जानें RT-PCR, एंटीजन टेस्ट और अन्य डायग्नोसिस मेथड्स के बारे में। साथ ही HMPV वायरस से बचाव के उपाय जानें।
हेल्थ डेस्क: चीन से फैले HMPV वायरस के मामले भारत में बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में अब ये सवाल उठा रहा है कि अगर उन्हें सर्दी-जुकाम है तो कैसे पता लगाया जाएगा कि वो एचएमपीवी है या नहीं। डॉक्टर्स बता चुके हैं कि शरीर में फ्लू जैसे लक्षण नजर आने पर कुछ घरेलू उपाय और दवाओं की मदद से संक्रमण ठीक किया जा सकता है। अगर फिर भी फ्लू के लक्षण ठीक नहीं हो रहे है तो डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। आईए जानते हैं एचएमपीवी वायरस डायग्नोज करने के लिए कौन-से टेस्ट किए जाते हैं।
रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन टेस्ट की मदद से HMPV संक्रमण के बारे में सटीक जानकारी मिल सकती है। RT-PCR टेस्ट रेस्पिरेटरी सैंपल के RNA सीक्वेन को अनुक्रमों को बढ़ाने का काम करता है।
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स्वैब की मदद से लिए गए सैंपल में एंटीजन टेस्टिंग की जाती है। सैंपल में वायरल प्रोटीन को पहचाना जाता है। इससे तुरंत वायरस की जानकारी मिलती है। पीसीआर टेस्ट के मुकाबले एंटीजन टेस्ट कम इफेक्टिव होता है। इसे सेकेंडरी चॉइस यानी की दूसरी चॉइस के रूप में अपनाया जाता है।
किसी भी व्यक्ति के अंदर एचएमपीवी वायरस मौजूद है या फिर नहीं, इसके लिए वायरल कल्चरल टेस्टिंग भी की जाती है। टेस्ट के दौरान इकट्ठा किए गए सैंपल को लैब में ग्रो किया जाता है और एचएमपीवी वायरसआईडेंटिफाई करते हैं। इस टेस्ट के दौरान समय ज्यादा लगता है इसलिए वायरल कल्चरल टेस्टिंग का इस्तेमाल कम किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को सास संबंधी समस्या है तो चेस्ट एक्स-रे, सिटी स्कैन आदि कराने की सलाह दी जा सकती है।
करोना महामारी में संक्रमण से बचने के लिए जो भी एहतियात बरते गए थे, ठीक वैसी ही सावधानी एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए अपनानी है। अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है तो उससे दूरी बना कर रखें। बाहर से आने के बाद हमेशा हाथ-पैरों को धूलें। अगर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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