
हर साल 7 नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे (National Cancer Awareness Day) मनाया जाता है। भारत में कैंसर के पेशेंट तेजी से बढ़ रहे हैं। साल 2025 में भारत में कैंसर के 15 लाख पेशेंट होने की उम्मीद है। इनमें से फेफड़ों से लगाकर स्तन कैंसर सबसे आम है। इनका मुख्य कारण गलत लाइफस्टाइल, प्रदूषण, तंबाकू आदि है। आमतौर पर लोगों को कैंसर के कुछ कारणों का पता नहीं होते हैं। अगर इसकी जानकारी हो तो कैंसर को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। जानते हैं नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे के मौके पर कैंसर के उन सा कारणों के बारे में, जिनकी जानकारी कम ही लोगों को है।
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से बंद, धूल भरे या फफूंद वाले कमरे या घर में रह रहा है, तो उससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे घरों में रैडॉन गैस जमा होती है। इस गैस में किसी भी प्रकार की गंध नहीं होती और यह भविष्य में फेफड़े के कैंसर का कारण बनती है।
जब सस्ती सनस्क्रीन या ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें ऑक्सीबेंजोन (oxybenzone) या बेंजीन (benzene) होता है, तो यह कैंसर का कारण बन सकता है। क्रीम की परत का कुछ भाग शरीर के अंदर भी पहुंचता है। यह त्वचा कैंसर का कारण बनता है।
भले की आप घर के बाहर तली हुई चीजों का सेवन बहुत चाव से कहते हैं लेकिन यह भी कैंसर का कारण बनती हैं। बाहर दुकान में एक ही तेल को कई बार इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे तेल में ट्रांस फैट के साथ ही कार्सिनोजेनिक पदार्थ बनता है, जो कि कोलन या ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ाता है।
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कुछ फूड्स जैसे कि सॉसेज, इंस्टेंट नूडल्स, पैकेट स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक्स में preservatives जैसे कि sodium nitrite, benzoates का इस्तेमाल किया जाता है। ये भी कैंसर का रिस्क बढ़ाते हैं।
आजकल कम नींद लेना मानो फैशन सा बन गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अधिक तनाव और कम नींद लेने से शरीर में फ्री रेडिकल्स बनते हैं और साथ ही इन्फ्लेमेशन भी बढ़ती है। यह कैंसर सेल्स ग्रोथ करने का कारण होती है।
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