
क्या आप हर दिन जिम जाकर भी अपने वजन में कोई खास फर्क नहीं देख पा रहे? घंटों पसीना बहाने के बाद भी अगर वेट लॉस मशीन आपको निराश कर रही है, तो हो सकता है कि गलती आपके एक्सरसाइज रूटीन में नहीं बल्कि आपकी लाइफस्टाइल और बॉडी रिस्पॉन्स में हो। हर किसी की फिटनेस जर्नी अलग होती है। तमन्ना भाटिया के ट्रेनर कहते हैं कि वेट लॉस सिर्फ नंबर नहीं, एक माइंड-बॉडी बैलेंस है। आपका ध्यान सिर्फ कैलोरी बर्न पर नहीं बल्कि हॉर्मोन, स्लीप और माइंडसेट बैलेंस पर भी होना चाहिए। तमन्ना भाटिया के फिटनेस ट्रेनर ने हाल ही में बताया कि जिम जाने के बावजूद वजन न घटने के पीछे कौन-से 3 असली कारण हैं और उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है।
अगर आप दिनभर ऑफिस, रिश्तों या नींद की कमी के कारण स्ट्रेस में रहते हैं, तो शरीर फाइट या फ्लाइट मोड में चला जाता है। इस दौरान कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है जो फैट स्टोरेज को बढ़ावा देता है, खासकर पेट के आसपास की चर्बी के लिए। ऐसे में रोजाना कम से कम 6–8 घंटे की नींद लें। रात को स्क्रीन टाइम घटाएं और रिलैक्सेशन ब्रीदिंग करें। हफ्ते में एक दिन एक्टिव रेस्ट डे रखें, इसमें योगा या वॉक जैसी हल्की एक्सरसाइज करें।
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ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कम खाना वजन घटाने का तरीका है, जबकि गलत कैलोरी कट करने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। अगर आप बहुत कम खाते हैं, तो बॉडी सेफ मोड में जाकर फैट को बचाने लगती है। हर मील में प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट का बैलेंस रखें। दिन में 3 बड़े मील की बजाय 5 छोटे मील लें। हफ्ते में 1 दिन रिफ्यूल डे रखें, ताकि मेटाबॉलिज्म एक्टिव बना रहे।
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अगर आप महीनों से एक ही कार्डियो मशीन पर या एक ही वेट रेंज में एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो शरीर उसे नॉर्मल मान लेता है। ऐसे में प्रोग्रेसिव ओवरलोड न होने से फैट बर्निंग रुक जाती है। हर 3–4 हफ्ते में वर्कआउट पैटर्न बदलें। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और HIIT (High-Intensity Interval Training) शामिल करें।कार्डियो की जगह फंक्शनल ट्रेनिंग जैसे स्क्वाट्स, बर्पीज, प्लैंक्स करें।