
Walnuts Side Effect: अखरोट को सुपरफूड माना जाता है। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है। हर रोज अगर इसे खाते हैं, तो बॉडी से कई तरह की बीमारी दूर रहती है। जैसे हार्ट डिजिज, डायबिटीज, स्ट्रेस और ब्रेन हेल्थ में सुधार होता है। लेकिन इसके फायदे को जानकर कुछ लोग इसका सेवन बहुत ज्यादा करने लगते हैं। जिससे शरीर पर उल्टा असर होता है। आइए जानते हैं, अखरोट ज्यादा खाने से नुकसान।
अखरोट में फाइबर और फैट की मात्रा अधिक होती है। यदि आप अचानक ज्यादा मात्रा में अखरोट खाते हैं, तो गैस, पेट फूला होना, कब्ज, दस्त या पेट दर्द हो सकता है।
अखरोट और अन्य ट्री नट्स से होने वाली एलर्जी आम है। मुंह या गले में सूजन, सांस लेने में दिक्कत, त्वचा पर लाल चकत्ते या खुजली, यहां तक कि एनाफिलैक्सिस (जीवन-घातक प्रतिक्रिया) भी हो सकती है।
अखरोट कैलोरी में भारी होते हैं। उदाहरण के लिए 30 ग्राम अखरोट में वसा लगभग 20 ग्राम होती है और कैलोरी भी अच्छी-खासी होती है। यदि ये सेवन रोजाना और अधिक मात्रा में हो, तो कुल कैलोरी की खपत बढ़ेगी और वजन बढ़ने का खतरा है।
जिन लोगों को पेट या आंतों की समस्या होती है, अल्सर, IBS (Irritable Bowel Syndrome) आदि। फाइबर और फैट के कारण लक्षण बिगड़ सकते हैं। इसके अलावा रिसर्च बताती है कि बहुत अधिक मात्रा में नट्स खाने से किडनी स्टोन और लीवर पर बोझ बढ़ सकता है।
अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड ब्लड को पतला करता है। अगर आप ब्लड-थिनिंग दवाएं लेते हैं तो ज्यादा अखरोट नुकसान कर सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स और USDA गाइडलाइंस के मुताबिक, रोजाना 5-6 अखरोट (30 ग्राम) से ज्यादा नहींए खाने चाहिए। बेहतर रिजल्ट के लिए रात में अखरोट को पानी में फूलने के लिए डाल दें। फिर सुबह इसे खाएं।
जिन लोगों को एलर्जी की समस्या हैं, उन्हें ज्यादा मात्रा में अखरोट नहीं खाना चाहिए। अगर अखरोट खाने के बाद आपको एलर्जी, रैश, हाइव्स या सांस लेने में परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको Irritable Bowel Syndrome (IBS) है तो अखरोट का सेवन सीमित मात्रा में ही करें
जी हां, अखरोट में Tyramine पाया जाता है। यह ब्लड प्रेशर को रेग्युलेट करने और डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है। लेकिन इसकी अधिक मात्रा नुकसानदायक है, क्योंकि यह- माइग्रेन और सिरदर्द को बढ़ा सकता है। ब्लड प्रेशर में तेजी से बढ़ोतरी कर सकता है। चक्कर, मतली, पसीना, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है।
अखरोट में Oxalate की मात्रा अधिक होती है। यह कैल्शियम से बंधकर किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। इसलिए जिन लोगों को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है, उन्हें अखरोट से बचना चाहिए।
जी हां, कच्चे और भूने हुए दोनों तरह के अखरोट सुरक्षित और पौष्टिक होते हैं। लेकिन अगर आपको नट्स एलर्जी, IBS या किडनी स्टोन है, तो इन्हें खाने से परहेज करें।
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अखरोट में मौजूद हेल्दी फैट और ऐंटिऑक्सीडेंट ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखकर ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, इनमें मौजूद टायरामीन की अधिकता ब्लड प्रेशर बढ़ा भी सकती है। इसलिए हाई बीपी के मरीजों को इन्हें सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
अखरोट और अन्य नट्स में Phytates होते हैं, जो पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकते हैं। इन्हें भिगोकर खाने से फाइटेट्स कम हो जाते हैं और पोषण बेहतर मिलता है। अखरोट को रातभर नमक वाले पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाएं।
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