World Heart Day 2023: हार्ट में क्यों लगाया जाता है स्टेंट , जानें कैसे करता है काम

world heart day 2023: कोरोनरी आर्टरी डिजिज (CAD) के इलाज और मैनेज के लिए हार्ट में एक स्टेंट लगाया जाता है। वर्ल्ड हार्ट डे पर चलिए बताते हैं इसके बारे में सबकुछ।

 

Nitu Kumari | Published : Sep 28, 2023 8:21 AM IST / Updated: Sep 28 2023, 01:52 PM IST

हेल्थ डेस्क. अक्सर आपने हार्ट डिजिज के दौरान स्टंट लगाने के बारे में सुना होगा। लेकिन इसके बारे में आपको बहुत कुछ पता नहीं होगा। तो चलिए वर्ल्ड हार्ट डे (world heart day 2023) जो 29 सितंबर को है के मौके पर आपको हार्ट और स्टेंट का क्या कनेक्शन है। कोरोनरी आर्टरी डिजिज के इलाज और मैने के लिए हार्ट में एक स्टेंट लगाया जाता है। यह उस स्थिति में लगाई जाती है जब हार्ट की मांसपेशियों को आपूर्ति करनेवाली ब्लड वेसल्स बंद हो जाती है। ब्लड बेसल्स के संकुचन या बंद होने के पीछे की वजह आर्टरी के इंटर्नल वॉल पर फैट जमा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमा होने के कारण होता है।

क्या है स्टेंट और कैसे करता है काम

स्टेंट धातु से बनी एक छोटी सी जाली जैसी ट्यूब होती है। कुछ मामलो में इसे दवा से लेपित होती है। उन्हें कोरोनरी स्टेंटिंग नामक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के जरिए कोरोनरी आर्टरी में रखता जाता है। एक बार अपनी स्थिति में आ जाने पर स्टेंट को फैलाया जाता है, जिससे प्लाक पर दबाव पड़ता है और धमनी यानी आर्टरी खुली रहती है। यह दिल की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने, लक्षणों से राहत देने और दिल के दौरे जैसी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद करता है। किन-किन स्थितियों में लगाई जाती है स्टंट आइए जानते हैं।

एनजाइना (Angina)

एनजाइना सीने में दर्द या बेचैनी है जो तब होती है जब दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन से भरे ब्लड की आपूर्ति नहीं मिलती है। स्टेंट संकुचित कोरोनरी आर्टरी के माध्यम से ब्लड फ्लो में सुधार करके एनजाइना के लक्षणों से राहत दे सकता है।

एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (ACS)

एसीएस में अस्थिर एनजाइना और मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (दिल का दौरा) जैसी स्थितियां शामिल हैं। इन आपातकालीन स्थितियों में, बाधित हुए कोरोनरी धमनी के जरिए ब्लड के फ्लो को तुरंत बहाल करने के लिए स्टेंट का उपयोग किया जा सकता है। इससे हार्ट की मांसपेशियों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

कोरोनरी आर्टरी डिजिज

स्टेंट का उपयोग आमतौर पर सीएडी के ट्रीटमेंट रणनीति के हिस्से के रूप में किया जाता है। यदि कोरोनरी एंजियोग्राम या अन्य डायग्नोसिस से कोरोनरी आर्टरीज में अहम रुकावटों के बारे में बता चलता हो तो स्टेंट डाला जाता है। ताकि बाधित धमनी खुल जाए और ब्लड फ्लो में सुधार हो।

पोस्ट-एंजियोप्लास्टी

स्टेंट अक्सर परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) या एंजियोप्लास्टी नामक प्रक्रिया के बाद लगाए जाते हैं। एंजियोप्लास्टी के दौरान, एक संकीर्ण धमनी को चौड़ा करने के लिए गुब्बारे की नोक वाले कैथेटर का उपयोग किया जाता है, और धमनी को खुला रखने में मदद के लिए एक स्टेंट लगाया जाता है। इसे एंजियोप्लास्टी के बाद स्टेंट प्लेसमेंट के रूप में जाना जाता है।

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