World Lung Cancer Day 2023 : धूम्रपान और तंबाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर को न्यौता देते हैं।बावजूद इसके लोग इसका सेवन करने से बाज नहीं आते हैं। जो आज के वक्त में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है।
हेल्थ डेस्क. लंग्स कैंसर को लेकर लोगों के अंदर जागरुकता आए इसे लेकर हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे ( World Lung Cancer Day 2023) मनाया जाता है। फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण तंबाकू का सेवन है। ये जानने के बाद भी इसके खाने से सेहत पर खराब असर पड़ता है लोग धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोग का तो यह स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है। हालांकि, यह किसी के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और शुरुआती लक्षणों को जन्म दे सकता है। आइए जानते हैं तंबाकू से फेफड़ों के कैंसर के अलावा और क्या-क्या नुकसान सेहत पर नजर आते हैं।
ओरल हेल्थ को करता है प्रभावित
तंबाकू के सेवन के सबसे शुरुआती लक्षण ओरल यानी मुंह से जुड़ा होता है। इसके नियमति सेवन से कई तरह के मौखिक समस्याएं हो सकती हैं। जैसे स्वाद और गंध की अनुभूति में कमी का अनुभव करना। इतना नहीं तंबाकू के सेवन से जीभ, गले समेत ओरल कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
सांस लेने में दिक्कत
तंबाकू को किसी भी रूप में लेना स्वास्थ्य संबंधित समस्या को जन्म देता है। जिसमें स्मोकिंग भी शामिल है। इसका धुआं सीधे फेफड़ों में जाकर श्वसन प्रणाली पर कहर ढाता है। लगातार खांसी, घरघराहट और सांस की तकलीफ तंबाकू से संबंधित क्षति के शुरुआती संकेतक हैं। धूम्रपान करने वालों को ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे श्वसन संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
हार्ट हेल्थ को करता है प्रभावित
तम्बाकू के सेवन से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। तंबाकू के धुएं में मौजूद रसायन ब्लड वेसल्स की परत को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) होता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। सीने में दर्द, घबराहट और हृदय गति में बढ़ोतरी का अनुभव हो सकता है।
त्वचा पर दिखता है असर
तंबाकू के सेवन से वक्त से पहले इंसान बूढ़ा नजर आने लगता है।धूम्रपान न करने वालों की तुलना में झुर्रियाँ, महीन रेखाएँ और ढीली त्वचा का विकास जल्दी होता है। तम्बाकू के उपयोग से त्वचा की प्राकृतिक लोच कम हो जाती है, जिससे त्वचा सुस्त और अस्वस्थ हो जाती है।
प्रजनन स्वास्थ्य
तम्बाकू का सेवन पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। पुरुषों में स्मोकिंग के सेवन से स्तंभन दोष, स्पर्म क्वालिटी में गिरावट या फिर इसकी संख्या में कमी हो सकता है। वहीं, महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में दिक्कत होती है। एक्टोपिक गर्भावस्था का खतरा बढ़ सकता है, और गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन शामिल है।
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