International sex worker day 2023: हर साल 2 जून को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल सेक्स वर्कर डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सेक्स वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा करना और मान्यता को बढ़ावा देना है।
लाइफस्टाइल डेस्क: हमारे समाज में सेक्स वर्कर्स को बड़ी ओछी नजर से देखा जाता है। उन्हें कभी भी समाज में वह दर्जा नहीं मिल पाता जिसकी वह हकदार होती है। वह भी अपना पेट पालने के लिए ही अपने शरीर को बेचने का काम करती हैं। सेक्स वर्कर्स को सम्मान दिलाने और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए हर साल 2 जून को इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे मनाया जाता है। आइए हम आपको बताते हैं इस दिन के इतिहास के बारे में कि कब से इसकी शुरुआत हुई और क्यों से मनाया जाता है...
इंटरनेशनल सेक्स वर्कर डे का इतिहास
इंटरनेशनल सेक्स वर्कर डे की नींव यूरोप में 1975 में रखी गई। उस दौरान फ्रांस के ल्योन में एक चर्च एग्लिस सेंट-निज़ियर में एक आंदोलन शुरू हुआ। जिसका मकसद यौन कार्य को एक व्यवसाय के रूप में मान्यता देना और दूसरा सेक्स वर्कर की सुरक्षा अधिकारों को सुनिश्चित करना था। सेक्स वर्करों की मांगों को देखते हुए इंटरनेशनल सेक्स वर्कर एसोसिएशन ने 1976 में महत्वपूर्ण निर्णय लिया और हर साल 2 जून को इंटरनेशनल सेक्स वर्कर डे मनाने का प्रस्ताव रखा।
सेक्स वर्करों के लिए किए गए काम
भारत में भी सेक्स वर्करों के अधिकारों के लिए कई लोग सामने आए हैं। 1985 में कोलकाता में पहला सेक्स वर्क अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसके अलावा 1999 में संयुक्त राष्ट्र में सेक्स वर्कर को काम के रूप में मान्यता दी गई और वेश्यावृत्ति को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का निर्णय लिया गया। इतना ही नहीं कोरोना महामारी के दौरान 2020 में सेक्स वर्कर के सामने आने वाली कमजोरियों और उन्हें सुरक्षा देने पर भी जोर दिया गया।
भारत में भी मनाया जाता है सेक्स वर्कर डे
भारत में भी हर साल 2 जून को अंतरराष्ट्रीय सेक्स वर्कर डे एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो सेक्स वर्कर्स को उनके अधिकारों की मांग और समाज में सम्मान देने का मौका देता है। इतना ही नहीं इस दिन समाज के लोगों को जागरूक भी किया जाता है कि यह कोई छोटा या अपमानित काम नहीं है बल्कि मजबूरी में कुछ लोगों को इसे व्यवसाय के रूप में चुनना पड़ता है। हालांकि, कई सारे संगठन, एनजीओ सेक्स वर्कर्स के लिए काम कर रहे है और उन्हें शिक्षित कर उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।