दूसरों की बुराई करने में आता है मजा, कहीं ये आपकी छुपी बीमारी तो नहीं?

क्या आप हमेशा दूसरों के बारे में बुरा सोचते हैं? क्या आपको किसी की सफलता देखकर जलन होती है? यह जान लें कि गॉसिप और बैकबाइटिंग आपके लिए बेहद हानिकारक है। यह आपके रिश्तों को खराब करता है और आपको मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार बना सकता है।

 

रिलेशनशिप डेस्क। ऑफिस हो,दोस्त हो या फिर रिश्तेदारी गॉसिप हर जगह होती है। लोगों को एक-दूसरे की चीजों में गलतियां निकालना बेहद आम लगता है। वह केवल खुद का नजरिया देखते हैं। पर क्या आप जानते हैं ये चीजें आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकती हैं? सुनने में अजीब है लेकिन सच है, जलन-गॉसिप और हर बात पर खामी निकालना धीरे-धीरे आदत बन जाती है, इससे आदी व्यक्ति रिश्तों के साथ इंटर्नल पीस को भी इफेक्ट करता है। ये तरह की निगेटिव फीलिंग होती है, जिसके सामने किसी को खुश नहीं दे सकते हैं। ये बुरा स्वाभाव मानसिक रूप से कमजोर करता है।

गॉसिप-बैकबाइटिंग क्या है?

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किसी भी चीज के अंत तक पहुंचने के लिए शुरुआत जानना जरूरी है। वहीं बैकबाइटिंग एक नेचुरल वे है जहां लोग एक तरीके से अपने फीलिंग्स को बयां करते हैं। अगर हमें दूसरे की कोई चीज पसंद नहीं आ रही, वह हमसे ज्यादा अच्छा है तो धीरे-धीरे हम खुद को सामने वाले से कंपेयर करने लगते हैं। ये एक तरीके की नारजगी होती है। जहां दूसरों को ठेस पहुंचाकर हमे खुशी होती है। कुल मिलाकर, जो चीजें किसी शख्स को उसकी इच्छा के अनुसार नहीं मिल रही और वहीं चीज कोई दूसरा आसानी से पा लेता है। ये शरीर में निगेटिविटी को बढ़ाता है।  खुद को कमजोर मानकर सामने वाले का बुरा सोच, दिमाग में हमेशा उस शख्स को नीचा दिखाने का ख्याल आना बेहद खतरनाक है। 

बैकबाइटिंग के लक्षण

1) किसी दूसरे की खुशी में खुश नहीं होना, हमेशा मुंह बनाएं रहना।

2) दूसरे शख्स को नीचा दिखाने के लिए किसी और से तुलना करना।

3) अन्य शख्स की असफलता का जश्न मनाना

4) हमेशा बुराई करना, निगेटिव रहना

5) ऐसे लोग दो मुंहे होते हैं जो मुहं पर तो चाशनी जैसे तारीफ करेंगे और पीठ पीछे बुराई

6) बिना जानें कोई भी इश्यू क्रिएट करना, बेफिजूल की अफवाह फैलाना, बहस करना

शरीर को कैसे प्रभावित करती बैकबाइटिंग ?

बता दें, बैकबाइटिंग की समस्या महिलाओं में ज्यादा देख जाती है। वह स्ट्रेस हॉर्मोन को कम करने के लिए ऐसा करती हैं, लेकिन जब ये आदत बन जाती है तो शरीर पर कई नकरात्मक प्रभाव डालती है। रिपोर्ट्स के अनुसार इसका सीधा कनेक्शन तनाव होता है। अगर आप हमेशा निगेटिव सोचते हैं तो शरीर में एड्रनाइल हॉर्मोन बढ़ने लगता है। ये काई बार हार्ट रिस्क, बीपी की समस्या का कारण बनता है। इतना ही नहीं तनाव इतना ज्यादा होता है कि इंसान डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है।

बैकबाइटिंग से बचने की तरीके

अगर आप भी इन लक्षणों की शिकार हैं तो कुछ टिप्स अपनाकर इससे निजात पा सकते हैं।

1) बैकबाइटिंग बुरी बात नहीं है, आप इसे सकारत्मक तरीके से कर सकती हैं। यानी उसे नीचा दिखाने की बजाय आपको जो चीज पसंद न आई हो उस बारे में खुलकर बात करें।

2) किसी शख्स को हमेशा गलत साबित करना अच्छी चीज नहीं है। आप उसे गलत साबित करने की बजाय खुद की फीलिंग्स व्यक्त करें। इससे तनाव दूर होगा और निगेटिव महसूस नहीं करेंगे।

3) जो वक्त गॉसिप के लिए दे रही हैं, उस वक्त को किसी अच्छी जगह लगाएं ताकि आप खुद के लिए समय निकाल सकें और खुद की खामियों को जान उसपर काम करें।

4) ऊपर बताए गए तरीकों के बाद भी अगर आप बैकबाइटिंग की आदत नहीं छोड़ पा रही हैं तो मनोचिकित्सक की सहायता लें।

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