सार

दीपिका पादुकोण की मां उज्जला ने उन्हें कई ज़रूरी जीवन सबक सिखाए हैं। अब दीपिका अपनी बेटी दुआ को भी यही सीख देंगी, जिसमें परिवार को प्राथमिकता, भावनात्मक मजबूती, अनुशासन, विनम्रता और महत्वाकांक्षा व मूल्यों के बीच संतुलन शामिल है।

रिलेशनशिप डेस्क. दीपिका पादुकोण अपनी एक्टिंग के साथ-साथ अपनी विनम्रता, साहस और बैलेंस पर्सनालिटी के लिए जानी जाती हैं। इसमें उनकी मां उज्जला पादुकोण का गहरा प्रभाव रहा है।फेमस बैडमिंटन प्लेयर प्रकाश पादुकोण की पत्नी उज्जला पादुकोण ने अपनी बेटी के पर्सनालिटी को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। अब, जब दीपिका खुद मां बन चुकी हैं और उन्होंने सितंबर में अपनी बेटी दुआ पादुकोण सिंह का स्वागत किया है, तो यह तय है कि वह अपनी मां से मिले कुछ अहम सबक को अपनी बेटी के पालन-पोषण में जरूर शामिल करेंगी। आइए जानते हैं वे 5 सबक जो दीपिका अपनी मां से ले सकती हैं। ये बातें दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित करेगी अपने बच्चों की परवरिश में।

1.फैमिली को हमेशा प्रॉयरिटी देना

उज्जला पादुकोण की परवरिश में फैमिली हमेशा पहले आता है। पति के फेमस या बेटी के ग्लोब स्टारडम के बावजूद उज्जला ने फैमिली को सबसे ऊपर रखा। दीपिका ने कई बार इंटरव्यू में बताया कि उनके माता-पिता सिंपल लाइफ जीते हैं। वो अपनी फैमिली को प्रॉयरिटी देते हैं। यह आदत ने उन्हें जमीन से जोड़े रखा है। दीपिका पादुकोण अब अपनी बेटी दुआ को भी अपने मूल्यों और परिवार की जड़ों से जोड़े रखने पर जोर देंगी और ग्लैमर वर्ल्ड के दबावों से बचाने की कोशिश करेंगी।

2.इमोशनल मजबूती

जब दीपिका डिप्रेशन से जूझ रही थीं, तब उनकी मां उज्जला ने उनकी भावनाओं को सबसे पहले समझा और उन्हें मदद लेने के लिए प्रेरित किया। उज्जला की यह इमोशनल सेंसिटिविटी और गहरी समझ दीपिका के जीवन में बहुत मायने रखती है। अदाकारा भी अपनी बेटी की मेंटल और इमोशनल लाइफ को लेकर उतनी ही सतर्क रहेंगी जितनी उनकी मां हैं।वह अपनी बेटी को सिखाएंगी कि इमोशनल कमजोरियां कोई कमजोरी नहीं होतीं, बल्कि उन्हें स्वीकार कर आगे बढ़ना ही असली ताकत है।

3.अनुशासन और मेहनत का आदर्श बनना

पादुकोण परिवार में अनुशासन और मेहनत का खास महत्व रहा है।उज्जला ने दीपिका और उनकी बहन अनीशा को यह सिखाया कि मेहनत और ध्यान ही सफलता की कुंजी हैं। दीपिका ने मां की इस सीख को लाइफ में उतारा और इतना नाम कमा रही हैं। वह यह सबक अपनी बेटी को जरूर देंगी।

4.विनम्रता और सादगी का महत्व समझाना

ग्लैमर और शोहरत के बीच उज्जला ने यह सुनिश्चित किया कि उनका परिवार हमेशा जमीन से जुड़ा रहे।उन्होंने अपने दोनों बेटियों दीपिका और अनीशा को सिखाया कि सफलता क्षणिक होती है, लेकिन चरित्र और रिश्ते जीवन भर साथ रहते हैं। दीपिका भी अपनी बेटी को सिखाएंगी कि शोहरत के बीच भी विनम्रता बनाए रखना कितना जरूरी है।वह अपनी बेटी को अनुभवों और रिश्तों की अहमियत समझाएंगी, जो हर उपलब्धि से कहीं ज्यादा मायने रखते हैं।

5. एम्बिशन और वैल्यू के बीच बैलेंस

उज्जला पादुकोण ने अपने करियर को परिवार के लिए पीछे रखा, लेकिन उन्होंने एम्बिशन को कभी खत्म नहीं होने दिया। उन्होंने अपनी बेटियों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें पूरा सपोर्ट दिया। दीपिका भी अपनी बेटी को इस संतुलन का महत्व सिखाएंगी। वो अपनी बेटी को यह जरूर सीख देंगी कि सफलता की ओर बढ़ते हुए भी अपने मूल्यों और परिवार से जुड़ी रहे। दीपिका ही क्यों हर मां को इन 5 सबक को अपने बच्चों के पालन पोषण के दौरान फॉलो करने चाहिए।

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